Solar Pump Yojana: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो न केवल कृषि क्षेत्र के विकास को गति देगा, बल्कि किसानों की लागत को भी कम करेगा. इस कदम के तहत मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप दिए जाएंगे. यह योजना किसानों को वर्षभर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ उनकी खेती की लागत को कम करने में मदद करेगी. इसके साथ ही यह कदम किसानों के लिए सस्टेनेबल और सस्ती ऊर्जा स्रोत प्रदान करेगा.
मुख्यमंत्री कृषक मित्र योजना का शुभारंभ
24 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक के दौरान एक बड़ा निर्णय लिया. इस बैठक में राज्य सरकार ने “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” के तहत सोलर कृषि पंपों को शामिल करने का निर्णय लिया. यह फैसला किसानों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. क्योंकि इससे उन्हें सिंचाई के लिए सस्ती और सतत ऊर्जा मिलेगी. इस योजना का उद्देश्य किसानों को अपने खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
किसानों को सिर्फ 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा
इस योजना के अंतर्गत किसानों को सोलर पंप के लिए केवल 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा. मंत्रिमंडल ने “प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना” की अनुदान व्यवस्था को संशोधित किया है. अब योजना में किसानों को परियोजना की लागत का 5 प्रतिशत या 10 प्रतिशत मार्जिन मनी के रूप में देना होगा. शेष राशि के लिए किसानों को ऋण लिया जाएगा. लेकिन चिंता की बात नहीं है क्योंकि इस ऋण का भुगतान पूरी तरह से राज्य सरकार करेगी. इस प्रकार किसानों को इस योजना का पूरा लाभ मिलेगा और उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा.
सरकार द्वारा शेष राशि का भुगतान
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना में राज्य के किसानों को एक और बड़ी राहत दी गई है. किसानों द्वारा लिए गए ऋण का भुगतान राज्य सरकार करेगी. इसके लिए सरकार “अटल कृषि ज्योति योजना” और अन्य योजनाओं के तहत बचत से ऋण का भुगतान करेगी. इसका मतलब है कि किसानों को कोई अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना होगा और उन्हें केवल 10 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा, जो कि बहुत ही किफायती है. इस योजना के तहत सोलर पंप की स्थापना से किसानों को लंबे समय में आर्थिक रूप से फायदा होगा.
सोलर पंप का लाभ पहले चरण में अस्थायी विद्युत संयोजन वाले किसानों को
इस योजना के पहले चरण में अस्थायी विद्युत संयोजन वाले उपभोक्ताओं को और अविद्युतिकृत किसानों को सोलर पंप का लाभ दिया जाएगा. इन किसानों के लिए यह योजना वरदान साबित होगी, क्योंकि उन्हें अपनी सिंचाई के लिए सोलर पंप की सुविधा मिल जाएगी, जिससे उनकी लागत में कमी आएगी और साथ ही, उन्हें निरंतर ऊर्जा मिल सकेगी. आगामी चरणों में स्थायी विद्युत पंप उपयोग करने वाले किसानों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा.
“कुसुम योजना” के तहत सोलर पंप का क्रियान्वयन
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा यह सोलर पंप योजना “कुसुम योजना” के तहत लागू की जाएगी, जो केंद्र सरकार की एक प्रमुख योजना है. “कुसुम योजना” के घटक ‘ब’ के अंतर्गत यह सोलर पंप योजना लागू होगी, जो खासतौर पर कृषि क्षेत्र में ऊर्जा के उपयोग को सस्टेनेबल और किफायती बनाने का उद्देश्य रखती है. इस योजना के क्रियान्वयन से न केवल किसानों को सोलर पंप मिलेगा. बल्कि राज्य सरकार को भी विद्युत प्रदाय के लिए अनुदान के भार को कम करने में मदद मिलेगी.
सोलर पंप से कृषि क्षेत्र में सुधार
सोलर पंपों की स्थापना से किसानों को अपनी सिंचाई के लिए सस्ती और पर्यावरण-friendly ऊर्जा मिलेगी. इसके कारण, राज्य सरकार पर विद्युत आपूर्ति के लिए अनुदान का बोझ कम होगा और विद्युत वितरण कंपनियों की वितरण हानियां भी घटेंगी. इससे पूरे कृषि क्षेत्र में सुधार होगा, और किसानों की लागत में भी कमी आएगी. इसके साथ ही यह योजना खेती को और अधिक सस्टेनेबल बनाएगी. जिससे भविष्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी.
किसानों को मिलेगा दीर्घकालिक लाभ
यह योजना न केवल वर्तमान में किसानों को लाभ पहुंचाएगी, बल्कि दीर्घकालिक तौर पर भी किसानों को इसका बड़ा फायदा होगा. सोलर पंपों का उपयोग किसानों को उनकी सिंचाई की लागत को कम करने में मदद करेगा. साथ ही यह कृषि क्षेत्र को अधिक पर्यावरण-friendly और सस्टेनेबल बनाएगा. क्योंकि सोलर ऊर्जा प्रदूषण-मुक्त है और यह लगातार उपलब्ध रहती है. इससे कृषि क्षेत्र में होने वाली लागत में कमी आएगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी.