School Holiday: प्रदेशभर के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में 11 अप्रैल को ज्योतिबा फूले जयंती के उपलक्ष्य में अवकाश रहेगा। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, आशीष मोदी ने मंगलवार को आदेश जारी किए हैं। यह फैसला शिक्षा जगत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ज्योतिबा फूले शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं।
शिविरा पंचांग में संशोधन, ज्योतिबा फूले जयंती शामिल
गौरतलब है कि शिविरा पंचांग 2024-25 में पहले इस अवकाश का उल्लेख नहीं था, लेकिन सामाजिक मांग और शिक्षा समुदाय की प्रतिक्रिया के बाद इसमें संशोधन किया गया है। ज्योतिबा फूले जयंती अब अवकाश के रूप में शामिल की गई है, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को अतिरिक्त अवकाश का लाभ मिलेगा। यह उनकी समाज में दिए गए योगदान को सम्मान देने का एक तरीका है।
ज्योतिबा फूले का योगदान और उनकी विरासत
ज्योतिबा फूले एक प्रमुख समाज सुधारक, विचारक और लेखक थे, जिन्होंने नारी शिक्षा और दलित प्रगति के लिए अपना जीवन समर्पित किया था। उन्होंने स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपनी पत्नी सावित्रीबाई फूले के साथ मिलकर पहला महिला विद्यालय स्थापित किया। उनके योगदान को सम्मान देने के लिए यह अवकाश घोषित किया गया है।
समाज में शिक्षा के महत्व को बढ़ावा
ज्योतिबा फूले जयंती के अवकाश को शामिल करने का यह निर्णय न केवल उनकी विरासत को सम्मान देने का प्रयास है, बल्कि यह समाज में शिक्षा के महत्व को भी बढ़ावा देता है। इससे आज के युवाओं को प्रेरणा मिलती है कि कैसे शिक्षा के माध्यम से समाज में सार्थक परिवर्तन लाया जा सकता है।