Ganga Expressway: गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण उत्तर प्रदेश में यातायात और आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ से तीर्थराज प्रयाग को जोड़ेगा. जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों और हरदोई सहित अन्य इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. हालांकि महाकुंभ 2025 तक इसे शुरू करने का लक्ष्य था. लेकिन विभिन्न कारणों से काम में देरी हुई. अब संभावना है कि मार्च 2025 के अंत तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और अप्रैल से इसका उपयोग शुरू हो सकेगा.
594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है. 18 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया. यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, शाहजहांपुर, बदायूं, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा. इन जिलों के ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोग इससे सीधा लाभ उठा पाएंगे.
पश्चिमी यूपी में 90% से अधिक काम पूरा
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में एक्सप्रेसवे का 90% से अधिक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. हरदोई में 82% काम हो चुका है और शेष कार्य मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है. मिट्टी का काम लगभग 99% पूरा हो चुका है और पुलों का निर्माण अंतिम चरण में है.
प्रारंभिक कठिनाइयां और धीमी शुरुआत
इस परियोजना की शुरुआत धीमी रही. कभी बाढ़ तो कभी अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण काम बाधित हुआ. इसके साथ ही उन्नाव जैसे जिलों में जलभराव वाली जमीन पर काम धीमी गति से हुआ. हालांकि पिछले साल से काम ने गति पकड़ी और अब युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है.
उन्नाव और हरदोई में निर्माण कार्य की स्थिति
उन्नाव और हरदोई जैसे जिलों में काम तेजी से प्रगति कर रहा है. हरदोई में एक्सप्रेसवे का 82% काम पूरा हो चुका है. उन्नाव में जलभराव के कारण कुछ समस्याएं आईं. लेकिन अब अधिकांश बाधाओं को दूर कर लिया गया है.
ग्रामीण क्षेत्रों में अधूरी सड़कें
रायबरेली के जगतपुर और आसपास के इलाकों में ग्रामीणों को सड़क निर्माण की धीमी प्रगति के कारण परेशानी हो रही है. गोकुलपुर माइनर पर पुल निर्माण पूरा हो गया है. लेकिन सड़क का काम अधूरा है. इससे चार पहिया वाहन और स्कूली बसें गांवों तक नहीं पहुंच पा रही हैं. ग्रामीणों को 5 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है. जिससे उनकी नाराजगी बढ़ रही है.
स्कूली बच्चों और ग्रामीणों के लिए कठिनाई**
स्कूली बसें गांवों तक न पहुंचने के कारण बच्चों को राजमार्ग तक ले जाने की जिम्मेदारी अभिभावकों पर आ गई है. यह समस्या रोझइया भीखम शाह, पूरे मती सिंह और आसपास के कई गांवों के बच्चों को प्रभावित कर रही है.
मार्च 2025 तक काम पूरा करने का लक्ष्य
निर्माण एजेंसियां युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं ताकि मार्च 2025 के अंत तक गंगा एक्सप्रेसवे का काम पूरा किया जा सके. एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद यातायात सुगम होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.
गंगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे केवल यातायात सुधार के लिए नहीं. बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए एक बड़ा कदम है. यह न केवल समय की बचत करेगा. बल्कि व्यापार, कृषि और पर्यटन को भी प्रोत्साहन देगा.