Rajasthan News: राजस्थान के लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। दौसा जिले में बन रहा ईसरदा बांध अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है और इसके जरिए प्रदेश के 1256 गांवों और 6 शहरों में पहली बार पेयजल की आपूर्ति शुरू की जाएगी। इस परियोजना को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश में मिशन मोड पर तेजी से पूरा किया जा रहा है।
बांध का 90% कार्य पूरा जुलाई तक पूरी तरह तैयार होने की संभावना
जल संसाधन विभाग के मुताबिक, ईसरदा बांध का 90 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। मुख्य बांध के पियर्स, गेट, स्लैब और पावर पैक रूम जैसे बड़े हिस्सों का काम पूर्ण हो चुका है। केवल मिट्टी के बांध का कुछ आंशिक कार्य बाकी है, जिसे जुलाई 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका उद्देश्य है कि आगामी मानसून से पहले बांध में जल संग्रहण शुरू किया जा सके।
1256 गांवों और 6 शहरों को मिलेगा साफ पानी
ईसरदा बांध के जरिए दौसा जिले के 1079 गांव और 5 शहर, साथ ही सवाई माधोपुर जिले के बौंली शहर और 177 गांवों में पानी की सप्लाई की जाएगी। वर्षों से जल संकट से जूझ रहे इन इलाकों में यह योजना जीवन रेखा साबित हो सकती है।
इस परियोजना से:
- ग्रामीणों को साफ और पर्याप्त पेयजल मिलेगा
- महिलाओं को दूर-दराज से पानी लाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा
- भूजल स्तर में सुधार होगा, जिससे कुएं और नलकूप फिर से रिचार्ज हो सकेंगे
जयपुर और आसपास के इलाकों को भी मिलेगा लाभ
ईसरदा बांध से न केवल दौसा और सवाई माधोपुर जिलों को लाभ मिलेगा, बल्कि इस बांध को राम जल सेतु लिंक परियोजना से जोड़कर जयपुर जिले और आसपास के बांधों जैसे रामगढ़, बुचारा, छितोली आदि तक पानी पहुंचाया जाएगा। इससे जयपुर क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति भी स्थायी और व्यवस्थित हो सकेगी।
बीसलपुर बांध पर बनेगा नया सहायक बांध मिलेगा अतिरिक्त जल भंडारण
ईसरदा बांध का निर्माण बीसलपुर बांध के डाउन स्ट्रीम में ग्राम बनेठा (टोंक जिले की उनियारा तहसील) में बनास नदी पर किया जा रहा है। यह बांध दो चरणों में विकसित हो रहा है:
- पहले चरण में भराव क्षमता 3.24 टीएमसी तक सीमित रहेगी
- दूसरे चरण में इसे बढ़ाकर 10.77 टीएमसी तक किया जाएगा
इस परियोजना की कुल लागत 1038.65 करोड़ रुपये है, जिसकी आर्थिक मंजूरी मिल चुकी है और निर्माण कार्य तेज़ी से प्रगति पर है।
बांध निर्माण में अब तक क्या-क्या हुआ पूरा ?
जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अब तक जो कार्य पूरे हो चुके हैं, उनमें शामिल हैं:
- 28 में से सभी स्लैब और पियर्स की ढलाई
- 84 गर्डर का लॉन्चिंग कार्य
- 28 रेडियल गेट और पावर पैक रूम का निर्माण
- 56 हाइड्रोलिक सिलेंडर का इंस्टालेशन
- 28 ब्लॉक एप्रेन में से 22 का कार्य पूरा
- मिट्टी के बांध का 82.08% और मुख्य बांध का 90% कार्य पूर्ण
इस प्रकार जुलाई से पहले ही यह बांध जल संग्रहण के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
जल संकट से जूझ रहे दौसा में उम्मीद की नई किरण
वर्तमान में दौसा जिले में जल संकट इतना गंभीर है कि जिला मुख्यालय पर सिर्फ 5-6 दिन में एक बार 45 मिनट के लिए ही पानी आता है। कई क्षेत्रों में लोग पानी के लिए किमी दूर तक भटकने को मजबूर हैं। ऐसे में यह परियोजना ना सिर्फ सप्लाई बढ़ाएगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर जल स्रोतों को रिचार्ज करने में भी मदद करेगी।
मुख्यमंत्री और मंत्री का क्या कहना है ?
जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बताया कि यह परियोजना मुख्यमंत्री के नेतृत्व में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा:
“मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में विभाग पेयजल उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। ईसरदा बांध परियोजना से ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के लिए सुरक्षित पेयजल सुविधा की परिकल्पना साकार होगी। गांवों में भूजल स्तर बढ़ने से कुएं भी रिचार्ज होंगे।”
राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना
ईसरदा बांध परियोजना न केवल राजस्थान के दौसा, सवाई माधोपुर और जयपुर जिलों के लाखों लोगों के लिए पेयजल संकट का समाधान है, बल्कि यह एक आजीवन जल प्रबंधन मॉडल के रूप में भी सामने आ रही है। इस परियोजना से जुड़े तकनीकी और प्रशासनिक प्रगति को देखकर साफ है कि राजस्थान सरकार जल संरक्षण और आपूर्ति के क्षेत्र में ठोस कदम उठा रही है।