Haryana School Holidays: हरियाणा के स्कूल-going बच्चों के लिए अप्रैल महीने की शुरुआत में ही खुशखबरी आ गई है। 12 अप्रैल (शनिवार), 13 अप्रैल (रविवार) और 14 अप्रैल (सोमवार) को लगातार तीन दिन स्कूल बंद रहेंगे। 12 अप्रैल को महीने का दूसरा शनिवार होने के कारण, 13 अप्रैल को नियमित रविवार की छुट्टी और 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के चलते गजेटेड हॉलिडे घोषित किया गया है। इससे पहले 10 अप्रैल को महावीर जयंती की छुट्टी भी विद्यार्थियों को मिली थी।
शिक्षा निदेशालय ने जारी किए सख्त निर्देश
हरियाणा शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी स्कूलों को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय ने कहा है कि छुट्टियों के दौरान छात्रों को किसी भी प्रकार की गतिविधियों के लिए स्कूल न बुलाया जाए। चाहे वह स्पोर्ट्स एक्टिविटी हो या कोई एक्स्ट्रा क्लास, सभी को छुट्टी के नियमों के तहत रोका गया है।
हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला पहली कक्षा में दाखिले की न्यूनतम उम्र 6 साल
हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य सरकार को निर्देशित किया है कि पहली कक्षा में दाखिले के लिए न्यूनतम आयु सीमा 6 वर्ष होनी चाहिए। अदालत ने कहा कि वर्तमान में 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को दाखिला देने की अनुमति देना शैक्षणिक दृष्टिकोण से सही नहीं है।
शिक्षा में गुणवत्ता लाने का प्रयास
हाई कोर्ट के इस निर्देश का उद्देश्य स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता लाना और बच्चों को सही समय पर सही कक्षा में भेजना है। विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत छोटी उम्र में पहली कक्षा में भेजने से बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ता है और उनका सम्पूर्ण विकास प्रभावित होता है।
छुट्टियों में किसी भी प्रकार की स्कूल गतिविधि पर रोक
शिक्षा विभाग द्वारा यह साफ कर दिया गया है कि छुट्टियों के दौरान न तो कोई परीक्षा करवाई जाए और न ही किसी प्रकार की सांस्कृतिक या अन्य गतिविधि। विभाग ने कहा कि सभी स्कूल यह सुनिश्चित करें कि छुट्टियों का पालन किया जाए और बच्चों को पूरी तरह आराम का समय मिले।
अभिभावकों की चिंता भी हुई दूर
अभिभावक लंबे समय से इस बात की शिकायत कर रहे थे कि छुट्टियों के बावजूद स्कूल प्रबंधन बच्चों को बुला लेता है, जिससे बच्चों को न तो आराम मिल पाता है और न ही परिवार के साथ समय बिताने का मौका। अब विभाग की ओर से आए इस आदेश के बाद अभिभावकों को भी राहत मिली है।
क्या कहता है शिक्षा विशेषज्ञों का नजरिया ?
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि छुट्टियां बच्चों के मानसिक विकास और ताजगी के लिए बेहद जरूरी होती हैं। लगातार पढ़ाई और एक्टिविटी के दबाव में बच्चा थक जाता है। छुट्टियों में उन्हें खेल, रचनात्मकता और परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलता है, जिससे उनका मानसिक और सामाजिक विकास बेहतर होता है।
स्कूलों की जांच होगी अचानक
शिक्षा निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे इन छुट्टियों के दौरान स्कूलों की औचक जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी छुट्टियों का उल्लंघन न हो रहा हो। साथ ही, निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई स्कूल ऐसा करता पाया गया, तो उसकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
छुट्टियों का पूरा कैलेंडर बनाएं
छात्रों और अभिभावकों की सुविधा के लिए स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे साल की शुरुआत में ही अवकाश कैलेंडर साझा करें और उसे सभी नोटिस बोर्डों पर चिपकाएं, ताकि किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति न बने।