Petrol Diesel Price: भारत ने हाल ही में कई बड़े देशों को पीछे छोड़ते हुए पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को अन्य देशों की तुलना में काफी कम रखा है. यह सब केंद्र सरकार द्वारा किए गए नीतिगत फैसलों का परिणाम है जिसमें उत्पाद शुल्क में भारी कमी की गई. नवंबर 2021 और मई 2022 में पेट्रोल और डीजल पर क्रमशः 13 और 16 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई, जिससे उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिला.
सरकारी उपायों और बाजार असर
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के राज्य मंत्री सुरेश गोपी के अनुसार, पेट्रोल और डीजल के मूल्य बाजार निर्धारित होते हैं और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियां (ओएमसीज) इनकी कीमतों का उचित निर्धारण करती हैं. भारत सरकार वैश्विक ऊर्जा बाजारों के साथ-साथ भूराजनीतिक परिस्थितियों पर नजर रखते हुए उत्पादन शुल्क में कमी और अन्य उपायों द्वारा कीमतों को नियंत्रित कर रही है.
घरेलू एलपीजी की कीमत में स्थिरता
भारतीय सरकार ने न केवल पेट्रोल और डीजल बल्कि घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को भी स्थिर रखने की दिशा में कदम उठाए हैं. पीएमयूवाई के तहत घरेलू एलपीजी के लिए सब्सिडी प्रदान की गई, जिससे उपभोक्ताओं को कम कीमत पर एलपीजी उपलब्ध हुई. सरकार ने प्रत्येक 14.2 किलोग्राम सिलेंडर पर 200 रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय लिया, जिससे घरेलू बजट पर भार कम हुआ.
कीमतों में कमी और उपभोक्ता लाभ
विभिन्न सरकारी नीतियों और उपायों के परिणामस्वरूप, दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमशः 94.77 रुपये और 87.67 रुपये प्रति लीटर तक कम हुईं हैं. यह कमी न केवल घरेलू बजट को राहत प्रदान करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार ऊर्जा कीमतों के प्रबंधन में किस प्रकार सक्रिय रूप से शामिल है.
अंतरराष्ट्रीय तुलना में भारत की स्थिति
वैश्विक स्तर पर जब अन्य महानगरों की तुलना की जाती है, तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें काफी कम हैं. इसका कारण सरकार द्वारा उठाए गए विविध उपाय हैं, जैसे कि आयातित कच्चे तेल की विविधता, कम उत्पाद शुल्क, और राज्य सरकारों द्वारा वैट में कमी. यह सब मिलकर भारत को ऊर्जा कीमतों के मामले में एक आकर्षक स्थल बनाते हैं.