हरियाणा में यहां नहर टूटने से 50 एकड़ भूमि जलमग्न, किसानों की फसलों को भारी नुकसान Canal Breaking

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Canal Breaking: हरियाणा के भट्टू इलाके के गांव गदली में खेड़ी माइनर नहर के टूटने से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. आज दोपहर खेड़ी माइनर नहर अचानक टूट गई. जिससे आसपास के खेतों में तेज़ी से पानी भर गया. करीब 50 एकड़ गेहूं की फसल जलमग्न हो गई है. जिससे किसानों में नाराजगी है.

खेड़ी माइनर नहर के टूटने की घटना

गांव गदली के पास से गुजर रही खेड़ी माइनर नहर में आज दोपहर अचानक दरार आ गई. पानी का बहाव इतना तेज़ था कि आसपास के खेतों में पानी फैलने में कुछ ही समय लगा. किसानों ने तुरंत सिंचाई विभाग को सूचना दी. जिसके बाद नहर को बीघड़ हेड से बंद किया गया. हालांकि नहर में पहले से मौजूद पानी के कारण खेत जलमग्न होते चले गए.

किसानों का नुकसान और उनकी नाराजगी

खेड़ी माइनर नहर टूटने के कारण लगभग 50 एकड़ गेहूं की फसल पानी में डूब गई. किसानों का कहना है कि इस नहर में दरार आना कोई नई बात नहीं है. पिछले कई महीनों में अलग-अलग स्थानों पर यह नहर कई बार टूटी है. लेकिन इसे लेकर सिंचाई विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं.

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नहर की मरम्मत में देरी से बढ़ा नुकसान

सिंचाई विभाग के जेई मनजीत बेनीवाल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और दरार को पाटने का काम शुरू किया. उन्होंने बताया कि दरार करीब 70 फुट चौड़ी हो गई थी. जिससे पानी का बहाव रोकने में दिक्कत आई. हालांकि मरम्मत का काम तेज़ी से जारी है और जल्द ही इसे पूरी तरह ठीक कर लिया जाएगा.

खेड़ी माइनर नहर की स्थिति पर किसानों का आरोप

किसानों ने आरोप लगाया है कि खेड़ी माइनर नहर की स्थिति लंबे समय से खराब है. नहर की नियमित मरम्मत नहीं होने के कारण इसमें बार-बार दरारें आ रही हैं. उन्होंने सिंचाई विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मांग की कि नहर की स्थायी मरम्मत कराई जाए. ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

सिंचाई विभाग का पक्ष और कार्रवाई

सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पानी का बहाव बहुत अधिक होने के कारण दरार चौड़ी हो गई. फिलहाल नहर को बंद करके पानी का प्रवाह रोका गया है. विभाग ने आश्वासन दिया है कि नहर की मरम्मत के लिए स्थायी समाधान निकाला जाएगा.

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खेती के लिए बड़ा संकट

खेती के लिए पानी बेहद जरूरी है. लेकिन जब यही पानी खेतों में बाढ़ का रूप ले ले, तो यह किसानों के लिए बड़ा संकट बन जाता है. 50 एकड़ फसल का जलमग्न होना किसानों के लिए आर्थिक और भावनात्मक झटका है. गेहूं की फसल, जो लगभग तैयार होने वाली थी. अब पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

स्थायी समाधान की जरूरत

खेड़ी माइनर नहर में बार-बार दरारें आना इस बात का संकेत है कि इसे स्थायी समाधान की जरूरत है. किसानों ने मांग की है कि सरकार और सिंचाई विभाग इस नहर की नियमित देखरेख और मजबूती के लिए ठोस कदम उठाएं.

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