Sheap Farming: सरहदी बाड़मेर जिले में जहाँ किसान मुख्य रूप से खेती और पशुधन पर निर्भर हैं केंद्र सरकार ने उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना को संचालित किया है. इस योजना के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं को रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है.
आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सब्सिडी
राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत, सरकार ने भेड़, बकरी, और मुर्गी पालन के साथ-साथ चारा विकास (fodder development) के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दे रही है. इससे किसानों को अपने पशुधन का बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.
वित्तीय सहायता और ऋण सुविधा
किफायती ब्याज दरों और आसान प्रक्रिया के साथ, राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत ऋण (loans under NLM) उपलब्ध करवाया जाता है. किसान सरकारी या प्राइवेट बैंकों से आवेदन कर सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी पशुधन संबंधी गतिविधियों को विस्तार देने में सहायता मिल सके.
अनुदान राशि
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विनय मोहन खत्री के अनुसार योजना के तहत पोल्ट्री फार्म, भेड़ और बकरी इकाई (sheep and goat units), चारा ब्लॉक विकास या चारा मूल्यवर्धन इकाई के लिए 50 लाख रुपए तक की अधिकतम अनुदान राशि दी जाती है. यह राशि दो समान किस्तों में दी जाती है, पहली किश्त ऋण देने पर और दूसरी किश्त परियोजना पूरी होने पर.