लगातार 6 दिनों की छुट्टियों की हुई घोषणा, बंद रहेंगे सरकारी और प्राइवेट स्कूल School Holidays

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School Holidays: मकर संक्रांति भारत का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे देशभर में विभिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है. उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति और लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है. जबकि दक्षिण भारत में इसे पोंगल और उझावर थिरुवनंतउल के रूप में मनाया जाता है. इस बार इस विशेष अवसर पर कई राज्यों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है, जो 4 से 6 दिनों तक हो सकती है.

छुट्टियों की अवधि और तारीखें: राज्यवार जानकारी

मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में छुट्टियों की अवधि राज्यों के आधार पर अलग-अलग है.
उत्तर भारत

  • पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 13 जनवरी को लोहड़ी के लिए अवकाश घोषित किया गया है.
  • मकर संक्रांति के लिए 14 जनवरी को छुट्टी रहेगी.
  • कई राज्यों में हजरत अली के जन्मदिन के उपलक्ष्य में भी छुट्टी की घोषणा की गई है.

दक्षिण भारत

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  • तमिलनाडु: यहां 6 दिनों की लंबी छुट्टियां दी गई हैं.
    • 14 जनवरी: पोंगल का मुख्य पर्व.
    • 15 जनवरी: तिरुवल्लुवर दिवस.
    • 16 जनवरी: उझावर दिवस.
    • इसके अलावा, 17 से 19 जनवरी तक साप्ताहिक अवकाश रहेगा.
  • तेलंगाना: 13 जनवरी से 17 जनवरी तक स्कूलों और कॉलेजों में अवकाश रहेगा.

पूर्वोत्तर भारत

  • आइजोल और इंफाल जैसे क्षेत्रों में स्थानीय परंपराओं के आधार पर छुट्टियां घोषित की गई हैं.

बैंक और कार्यालय

  • 11 जनवरी: दूसरा शनिवार होने के कारण अवकाश.
  • 12 जनवरी: रविवार का साप्ताहिक अवकाश.
  • मकर संक्रांति और अन्य त्योहारों के कारण कार्यालयों में 13 से 17 जनवरी तक छुट्टियां रहेंगी.

मकर संक्रांति पर छुट्टियों की विशेषता

  • लोहड़ी का पर्व (13 जनवरी): यह पर्व पंजाब और हरियाणा में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन अलाव जलाकर पारंपरिक गीत गाए जाते हैं और मूंगफली, तिल और रेवड़ी का आदान-प्रदान किया जाता है.
  • मकर संक्रांति (14 जनवरी): इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पतंगबाजी का विशेष महत्व है. इसे उत्तरायण पर्व के नाम से भी जाना जाता है.
  • पोंगल (14-16 जनवरी): दक्षिण भारत में पोंगल को फसल कटाई के त्योहार के रूप में मनाया जाता है.

सार्वजनिक अवकाश: स्थानीय परंपराओं का सम्मान

मकर संक्रांति के अवसर पर घोषित अवकाश केवल छुट्टी का दिन नहीं है. बल्कि यह त्योहार की महत्ता और परंपराओं को सम्मान देने का प्रतीक है.

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  • शिक्षा विभाग का योगदान: तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों में स्कूलों और कॉलेजों में विशेष अवकाश कैलेंडर तैयार किया गया है.
  • सांस्कृतिक विविधता: यह त्योहार भारत की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है. जहां हर क्षेत्र अपनी परंपराओं के अनुसार इसे मनाता है.

क्यों विशेष हैं इस साल की छुट्टियां?

  • लंबी अवधि: कुछ राज्यों में 6 दिनों तक लगातार अवकाश घोषित किया गया है.
  • सामाजिक और धार्मिक महत्व: मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी जैसे त्योहार लोगों को अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने का मौका देते हैं.
  • स्थानीय त्योहारों का समावेश: इस बार कई क्षेत्रों में स्थानीय त्योहारों को ध्यान में रखते हुए छुट्टियां दी गई हैं.

छुट्टियों के दौरान क्या खुला रहेगा और क्या बंद?

  • बंद रहेंगे: स्कूल, कॉलेज, बैंक, और अधिकांश सरकारी कार्यालय. कई निजी कंपनियों ने भी छुट्टियां घोषित की हैं.
  • खुला रहेगा: मेडिकल स्टोर्स और आवश्यक सेवाएं. पर्यटक स्थल और बाजारों में सामान्य गतिविधियां.

त्योहारों का आर्थिक और सामाजिक प्रभाव

मकर संक्रांति और पोंगल जैसे त्योहार न केवल धार्मिक बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं.

  • पर्यटन उद्योग: त्योहारों के दौरान पर्यटक स्थल पर भारी भीड़ रहती है. जिससे पर्यटन उद्योग को लाभ होता है.
  • स्थानीय व्यापार: पतंग, तिल-गुड़ और पोंगल की विशेष वस्तुओं की मांग बढ़ती है.

छुट्टियों का उपयोग कैसे करें?

  • विश्राम और मनोरंजन: छुट्टियों का समय तनाव मुक्त होने और नई ऊर्जा के साथ काम शुरू करने का मौका देता है.
  • परिवार के साथ समय बिताएं: त्योहारों का मुख्य उद्देश्य अपनों के साथ खुशियां बांटना है.
  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लें: स्थानीय मेलों और त्योहारों में भाग लेकर अपनी संस्कृति के करीब आएं.

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