Employee Holidays: मध्यप्रदेश में मार्च महीने को ‘छुट्टियों का महीना’ कहा जा सकता है क्योंकि इस दौरान प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में कई अवकाश निर्धारित किए गए हैं. विशेष रूप से विदिशा जिले की मंडियों में तो छह दिनों की लंबी छुट्टी रहने वाली है, जिसके चलते मंडी संचालन में बड़े पैमाने पर विराम देखने को मिलेगा.
गेहूं की आवक और मंडी बंदी का असर
मार्च के अंतिम सप्ताह में जब मंडियां अधिकतर दिन बंद रहेंगी तो इस दौरान विदिशा जिले में गेहूं की आवक (wheat supply) में तेजी देखी गई है. किसानों ने इस अवसर का फायदा उठाते हुए मंगलवार को बड़ी मात्रा में गेहूं मंडी में लाए जिससे कीमतों में थोड़ी बहुत अस्थिरता भी देखने को मिली.
मंडियों की लंबी छुट्टी के कारण
अनाज तिलहन व्यापार उत्थान कल्याण संघ की मांग पर आधारित इस निर्णय के अनुसार, मंडियों में अवकाश (market holidays) के दिन निर्धारित किए गए हैं. इसमें रंगपंचमी, चौथा शनिवार, रविवार, वार्षिक लेखा बंदी, अमावस्या, और ईद उल फितर शामिल हैं. यह निर्णय मंडी कर्मचारियों के लिए भी एक सुखद अवसर लेकर आया है क्योंकि उन्हें अवकाश के दौरान विश्राम का मौका मिलेगा.
अन्य संस्थानों पर अवकाश का असर
इन छुट्टियों के दौरान जहां मंडियां बंद रहेंगी, वहीं बैंक और अन्य वित्तीय संस्थान खुले रहेंगे. यह व्यवस्था उन उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी होगी जिन्हें वित्तीय लेनदेन की आवश्यकता होती है. रंगपंचमी के दिन भी बैंकों का संचालन सामान्य रूप से जारी रहा, जिससे कि बैंकिंग कार्यों में कोई बाधा नहीं आई.
छुट्टियों का सामाजिक और आर्थिक असर
मध्यप्रदेश की मंडियों में छुट्टियों का यह लंबा दौर न केवल मंडी कर्मचारियों के लिए विश्राम का समय है, बल्कि यह किसानों के लिए भी एक चुनौती लेकर आया है क्योंकि उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री के लिए सही समय चुनना होगा. इसका सीधा प्रभाव मंडी में कीमतों पर भी पड़ता है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में उतार-चढ़ाव आ सकता है.