Public Holiday: महाशिवरात्रि बिहार के प्रमुख त्योहारों में से एक है जहाँ भक्ति और आस्था का संगम होता है. इस दिन राज्य के हर शिवालय में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. महाशिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा करने का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन उनकी असीम कृपा का प्रतीक माना जाता है.
महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन अग्निलिंग (Agnilingam emergence) का प्रादुर्भाव हुआ था, जो भगवान शिव के शक्तिशाली स्वरूप को दर्शाता है. इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, जिससे यह दिन उनके भक्तों के लिए और भी विशेष हो जाता है.
महाशिवरात्रि के अनुष्ठान और पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन भक्त व्रत रखते हैं और प्रदोष काल में शिव पूजा (Shiva worship during Pradosh) की जाती है. रात के चार प्रहर में विशेष पूजा आयोजित की जाती है, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दौरान जल, दूध और बेल पत्र से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है, जो उन्हें अत्यधिक प्रिय है.
महाशिवरात्रि पर बिहार की विशेष प्रथाएं
बिहार में महाशिवरात्रि के दिन विशेष प्रथाएं पालन की जाती हैं, जैसे रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन (Night vigil and devotional songs). यह दिन शिव भक्तों के लिए आत्म-संयम और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है. बिहार के शिवालयों में भजन संध्या का आयोजन होता है, जहाँ लोग सामूहिक रूप से भगवान शिव की आराधना करते हैं.
बिहार में क्या खास होगा?
इस वर्ष 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी, जिस दिन बिहार के शिवालयों में विशेष अनुष्ठान (special rituals) आयोजित किए जाएंगे. इस दिन बिहार सरकार द्वारा घोषित सार्वजनिक अवकाश भी रहेगा, जिससे अधिक से अधिक लोग इस पवित्र पर्व में भाग ले सकें.