Property Registry Rule: भारत में जमीन और प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री हमेशा से एक जटिल प्रक्रिया रही है. हर साल, हजारों लोग अपनी मेहनत की कमाई का निवेश जमीन या प्लॉट खरीदने में करते हैं. हालांकि, इस प्रक्रिया में धोखाधड़ी और गलत जानकारियों के चलते अक्सर खरीदारों को नुकसान का सामना करना पड़ता है. इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने प्रॉपर्टी रजिस्ट्री के लिए कुछ नए नियम लागू किए हैं.
PROPERTY REGISTRY के नए नियम क्या हैं?
नए नियमों का मुख्य उद्देश्य प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक सरल, सुरक्षित, और पारदर्शी बनाना है. इसमें कुछ प्रमुख परिवर्तन निम्नलिखित हैं:
- डिजिटल रजिस्ट्रेशन: प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री अब ऑनलाइन की जा सकती है. इससे जटिलताएं कम होंगी और समय की बचत होगी.
- आधार कार्ड अनिवार्य: रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड का उपयोग अनिवार्य है, जिससे पहचान सत्यापन में आसानी होती है.
- प्रॉपर्टी का यूनिक आईडी नंबर: हर प्रॉपर्टी को एक यूनिक आईडी नंबर दिया जाएगा, जो इसकी पहचान को आसान बनाएगा.
- फर्जी दस्तावेजों पर रोक: एक मजबूत वेरिफिकेशन सिस्टम लागू किया गया है जो फर्जी दस्तावेजों की समस्या को कम करेगा.
- ई-स्टांपिंग: पारंपरिक स्टांप पेपर की जगह अब ई-स्टांपिंग का उपयोग किया जाएगा.
- ऑनलाइन पेमेंट: रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से किया जा सकता है.
नए नियमों के लाभ
इन नवीन नियमों से खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को बहुत से फायदे होंगे:
- पारदर्शिता: ऑनलाइन सिस्टम से प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो जाएगी, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाएगी.
- समय की बचत: डिजिटल प्रक्रिया से लंबी प्रतीक्षा और कागजी कार्यवाही में कमी आएगी.
- सुरक्षा में बढ़ोतरी: फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारियों के प्रयोग पर रोक लगेगी.
- लागत में कमी: ऑनलाइन प्रक्रियाओं से संबंधित विभिन्न लागतें कम होंगी जैसे कि ट्रैवल और स्टांप खर्च.