पशुपालको को गाय पालने के लिए मिलेगा लोन, पशु बीमा का भी मिलेगा फायदा Cow Loan

Shivam Sharma
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Cow Loan: प्रदेश में किसानों और पशुपालकों की समृद्धि के लिए यूको बैंक ने अमृतधारा योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों को दो से दस गाय पालने के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा. इसमें तीन लाख रुपये तक का ऋण बिना किसी गारंटी दी जाएगी जो किसानों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य गोवंश संरक्षण और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके.

ऋण की सुविधा और बीमा कवर

अमृतधारा योजना के तहत किसानों को सीधे उनके बैंक खातों में भुगतान की सुविधा (direct bank transfer) दी जाएगी. इसके अलावा, दो लाख रुपये तक का बीमा कवर (insurance cover for farmers) भी प्रदान किया जाएगा, जिससे किसी भी अप्रत्याशित घटना से किसान सुरक्षित रह सकेंगे. इस योजना से किसानों को न केवल आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि उनकी गोपालन गतिविधियों को भी बेहतर करने का अवसर मिलेगा.

पशुपालकों और छोटे किसानों को लाभ

अमृतधारा योजना में बड़े चिलिंग सेंटर (chilling centers) और दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों के लिए भी ऋण (loan for milk processing plants) उपलब्ध कराया जाएगा. इस पहल से छोटे किसानों और गोपालकों को अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. यह योजना उन छोटे किसानों के लिए एक बढ़िया अवसर साबित हो सकती है जो अपने पशुपालन को बढ़ाना चाहते हैं. इस योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खाद (organic manure) बनाने के लिए बायोगैस प्लांट की स्थापना (biogas plant installation) के लिए भी प्रेरित किया जाएगा.

महिला समूहों और एफपीओ को जोड़ने की पहल

अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त ने बैठक में बताया कि योजना को ग्रामीण स्तर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई है. उन्होंने सुझाव दिया कि महिला स्वयं सहायता समूहों (women self-help groups) और एफपीओ (farmer producer organizations) को अमृतधारा योजना से जोड़ा जाए, ताकि महिलाएं जैविक दूध, दही, घी, सब्जी और अन्य जैविक उत्पादों का व्यापार (organic product trade) कर सकें. यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करेगी, बल्कि किसानों के जैविक उत्पादों को बाजार में भी स्थान मिलेगा.

ऑर्गेनिक प्रसाद वितरण का सुझाव

बैठक में पद्मश्री डॉ. भारत भूषण त्यागी ने एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में ऑर्गेनिक प्रसाद वितरण (organic prasad distribution) की व्यवस्था की जाए, ताकि किसानों के जैविक उत्पादों को बाजार में और अधिक पहुंच मिल सके. यह कदम किसानों को एक नए बाजार में प्रवेश करने का अवसर देगा, जिससे उनके उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.

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