हरियाणा में इन किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले, सरकार ने दी ये बड़ी सौगात Natural Farming

Shivam Sharma
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Natural Farming: हरियाणा सरकार ने किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर प्रेरित करने का बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है. रासायनिक कीटनाशकों और उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से न केवल फसलों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है, बल्कि इससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है. इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना बनाई है.

किसानों को मिलेगा प्रोत्साहन और विशेष सब्सिडी

इस बार के राज्य बजट में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के लिए विशेष सब्सिडी का ऐलान होने की संभावना है. यह योजना किसानों को रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी. सरकार की यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि खेतों की उर्वरता भी बनाए रखेगी.

प्राकृतिक फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)

प्राकृतिक और ऑर्गेनिक फसलों के लिए अलग से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया जाएगा. यह कदम किसानों को उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने और प्राकृतिक खेती को आर्थिक रूप से लाभकारी बनाने के लिए उठाया गया है. एमएसपी की सुविधा से किसान बिना नुकसान के बाजार में अपनी फसल बेच सकेंगे.

अलग मंडियों की स्थापना की योजना

प्राकृतिक फसलों की बिक्री के लिए राज्य में अलग मंडियां स्थापित की जाएंगी. पहले चरण में हर जिले में कम से कम एक मंडी शुरू करने की योजना है. इन मंडियों में केवल प्राकृतिक और ऑर्गेनिक उत्पाद बेचे जाएंगे, जिससे किसानों को अपने उत्पादों की उचित कीमत मिलेगी.

कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा की पहल

हरियाणा के कृषि एवं बागवानी मंत्री श्याम सिंह राणा ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है. इसके तहत न केवल किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, बल्कि उन्हें प्राकृतिक खेती के लाभ भी समझाए जाएंगे. इस योजना को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ साझा किया जाएगा, ताकि इसे जल्द से जल्द लागू किया जा सके.

केंद्र सरकार का सहयोग

केंद्र की मोदी सरकार भी देशभर में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. गुजरात के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र गुरुकुल के आचार्य देवव्रत द्वारा शुरू की गई प्राकृतिक खेती की मुहिम अब हरियाणा में भी आगे बढ़ाई जा रही है. इससे किसानों को केंद्रीय योजनाओं और संसाधनों का भी लाभ मिलेगा.

प्राकृतिक खेती बनाम ऑर्गेनिक और रासायनिक खेती

हरियाणा में फिलहाल तीन प्रकार की खेती होती है:

  • रासायनिक खेती: यह खेती आसान है लेकिन इसमें खेतों की उर्वरता धीरे-धीरे कम होती है.
  • ऑर्गेनिक खेती: यह रासायनिक खेती की तुलना में बेहतर है, लेकिन इसमें लागत अधिक आती है.
  • प्राकृतिक खेती: यह सबसे सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल खेती है, हालांकि इसमें मेहनत अधिक लगती है.

सरकार का ध्यान प्राकृतिक खेती को सशक्त करने पर है, ताकि किसानों को कम लागत में बेहतर उत्पादकता मिल सके.

किसानों को जागरूक करना होगा

प्राकृतिक खेती को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि किसानों को इसके लाभ और तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाए. इसके लिए सरकार किसानों को प्रशिक्षण देगी और उन्हें यह सिखाएगी कि बिना रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के कैसे खेती की जा सकती है.

प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदे

  • मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: रासायनिक खेती की तुलना में प्राकृतिक खेती मिट्टी की उर्वरता को लंबे समय तक बनाए रखती है.
  • स्वस्थ फसलें: प्राकृतिक फसलों में रसायनों का इस्तेमाल नहीं होने से वे अधिक पौष्टिक और सुरक्षित होती हैं.
  • लागत में कमी: प्राकृतिक खेती में उर्वरकों और कीटनाशकों पर खर्च नहीं करना पड़ता, जिससे उत्पादन लागत कम होती है.
  • पर्यावरण संरक्षण: यह खेती न केवल खेतों बल्कि आसपास के पर्यावरण को भी सुरक्षित रखती है.

चुनौतियां और समाधान

प्राकृतिक खेती को अपनाना आसान नहीं है, क्योंकि इसमें मेहनत अधिक लगती है. इसके अलावा, किसानों को अपनी आदतें बदलने और नई तकनीकों को अपनाने में समय लग सकता है. सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए किसानों को सब्सिडी, प्रशिक्षण और बाजार की सुविधा देने का निर्णय लिया है.

हरियाणा के किसानों के लिए नई राह

हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम साबित होगी. प्राकृतिक खेती न केवल एक तकनीक है, बल्कि यह भविष्य की जरूरत भी है.

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