BPL Ration Card हरियाणा सरकार ने फर्जी गरीब परिवारों के खिलाफ एक सख्त कदम उठाते हुए उन्हें 20 अप्रैल तक बीपीएल श्रेणी से खुद को हटाने का अल्टीमेटम दिया है. इस दौरान यदि कोई भी परिवार इस श्रेणी में बना रहता है और बाद में पकड़ा जाता है, तो उनके खिलाफ फ्रॉड का मामला दर्ज किया जाएगा. इस प्रक्रिया के तहत भारतीय न्यास संहिता की धारा 318 के अनुसार, ऐसे परिवारों को दो साल तक की कैद की सजा हो सकती है.
सोनीपत में सबसे ज्यादा फर्जी परिवार
1 मार्च से 1 अप्रैल के बीच सरकार ने 1609 परिवारों को बीपीएल श्रेणी से बाहर किया, जिनमें से सबसे अधिक 294 परिवार सोनीपत के थे. इसके अलावा, कुरुक्षेत्र से 175 और हिसार से 145 फर्जी बीपीएल परिवारों को इस श्रेणी से हटाया गया. पंचकूला में इस प्रक्रिया के तहत सबसे कम, मात्र 3 परिवारों को बाहर किया गया.
आय सीमा से अधिक परिवारों की पहचान
सरकार के अनुसार, बीपीएल श्रेणी में वही परिवार आने चाहिए जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम हो. हालांकि, जांच में पता चला है कि कई परिवारों ने अपनी वास्तविक आय से कम आय दिखाई है और फर्जी तरीके से बीपीएल कार्ड हासिल किया है. कुछ मामलों में तो परिवारों ने खुद का फर्जी बंटवारा कर दो घरों के रूप में खुद को दर्ज करवाया है, जिससे वे कागजों में अलग-अलग दिख सकें और बीपीएल के लाभ उठा सकें.
हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण की सक्रियता
हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण के राज्य कोआर्डिनेटर सतीश खोला ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के निर्देशानुसार, अब प्राधिकरण उन परिवारों की जांच कर रहा है जिन्होंने गलत जानकारी देकर बीपीएल श्रेणी में अपना नाम दर्ज करवाया है. यदि ये परिवार खुद से अपनी जानकारी ठीक नहीं करते हैं, तो उन्हें जांच के बाद बीपीएल श्रेणी से बाहर कर दिया जाएगा और उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.
इस प्रकार, हरियाणा सरकार की यह पहल न केवल फर्जी गरीबों को चिन्हित करने के लिए है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि बीपीएल श्रेणी के असली हकदारों को ही लाभ मिले. यह कदम सरकारी संसाधनों के सही उपयोग और फर्जीवाड़ा रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.