New Tunnel: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की यातायात व्यवस्था और कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए एक नई और महत्वपूर्ण रिंग रोड परियोजना की शुरुआत की है. इस परियोजना के अंतर्गत, वाराणसी-सुलतानपुर-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-31) का उपयोग वाराणसी एयरपोर्ट के रनवे विस्तारीकरण के निर्माण पूरा होने तक जारी रहेगा. यह परियोजना NHAI और AI के बीच हुए समझौते का परिणाम है.
टनल और ग्रीनफील्ड फोरलेन का निर्माण
इस परियोजना का एक बड़ा हिस्सा ग्रीनफील्ड फोरलेन रोड का निर्माण है, जो एक लंबी टनल से जुड़ेगी. इस टनल को लगभग 450 मीटर लंबा बनाया जाएगा और इसे 2.40 किलोमीटर की ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क से जोड़ा जाएगा. यह विशेष निर्माण परियोजना बाबतपुर चौराहे से लगभग दो किलोमीटर पहले पुरारघुनाथपुर, बसनी होते हुए सिसवां गांव तक फैली हुई है.
पैसे की व्यवस्था और परियोजना की लागत
परियोजना के लिए करीब 440 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है, जो तीन बार में दी जाएगी. पहली किस्त के रूप में 20 प्रतिशत, दूसरी किस्त में 30 प्रतिशत और अंतिम किस्त में 25 प्रतिशत धनराशि दी जाएगी. यह वित्तीय व्यवस्था निर्माण कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की दिशा में मदद करेगी.
टनल का डिजाइन और निर्माण तकनीक
इस प्रोजेक्ट का डिजाइन IIT दिल्ली ने तैयार किया है. निर्माण प्रक्रिया के लिए जरूरी 10.60 हेक्टेयर जमीन का हस्तांतरण होने के बाद टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें विशेषज्ञ कंपनियों को शामिल करने की प्राथमिकता होगी. टनल के निर्माण में उच्च तकनीकी और आधुनिक मशीनों का उपयोग किया जाएगा.
दीर्घकालिक लाभ और असर
यह परियोजना न केवल वाराणसी और उसके आसपास के क्षेत्रों की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि इससे लोगों के आवागमन में भी सुविधा होगी. रिंग रोड और टनल के माध्यम से समय की बचत होगी और वाहनों की भीड़भाड़ में कमी आएगी, जिससे वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी. ये सभी कारक मिलकर राज्य की आर्थिक गतिविधियों में तेजी लाने में मदद करेंगे.