PM Awas Yojana: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-Urban) के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए महिलाओं के लिए एक बड़ी राहत और सम्मान की घोषणा की है. इस योजना के तहत अब तक 2.67 लाख आवास महिलाओं के नाम पर स्वीकृत किए जा चुके हैं.
यह पहल खासतौर पर एकल महिलाओं, विधवाओं और वृद्ध महिलाओं को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है. इसका उद्देश्य न केवल आवास देना है. बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और समाज में उनका स्थान मजबूत करना भी है.
केंद्रीय मंजूरी समिति की बैठक में हुआ फैसला
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला की अध्यक्षता में हाल ही में हुई केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति (CSMC) की बैठक में इस योजना को विस्तार देने का निर्णय लिया गया. बैठक में यह तय किया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत 3.53 लाख नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है. जिनमें से 75% से अधिक घर महिलाओं के नाम पर होंगे. यह फैसला बताता है कि सरकार समानता और समावेशिता की ओर गंभीरता से काम कर रही है.
10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को मिला लाभ
इस योजना के तहत जिन राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों में नए आवास स्वीकृत किए गए हैं, वे हैं:
- उत्तर प्रदेश
- आंध्र प्रदेश
- अरुणाचल प्रदेश
- बिहार
- हरियाणा
- जम्मू-कश्मीर
- ओडिशा
- पुडुचेरी
- राजस्थान
- तेलंगाना
इन सभी स्थानों पर आवासों के निर्माण का कार्य किफायती दरों पर किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोग इसका लाभ उठा सकें.
अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी को भी प्राथमिकता
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 सामाजिक न्याय के मूल सिद्धांतों पर आधारित है. इसलिए इस योजना में वंचित और पिछड़े वर्गों को प्राथमिकता दी गई है.
स्वीकृत घरों का वर्गीकरण इस प्रकार है:
- अनुसूचित जाति (SC): 80,850 घर
- अनुसूचित जनजाति (ST): 15,928 घर
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC): 2,12,603 घर
यह आंकड़े बताते हैं कि सरकार गरीब, वंचित और हाशिए पर खड़े समुदायों को भी मुख्यधारा में लाने का भरपूर प्रयास कर रही है.
उत्तर प्रदेश सरकार दे रही है अतिरिक्त मदद
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना में अपनी ओर से भी कुछ विशेष सहयोग की घोषणा की है. राज्य सरकार प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक (70 वर्ष से अधिक) को 30,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता दे रही है.
इसके अलावा 40 वर्ष से अधिक की अविवाहित महिलाओं और पति को खो चुकीं अथवा अलग रह रही महिलाओं को 20,000 रुपये की विशेष सहायता दी जा रही है.
इसका उद्देश्य उन महिलाओं को सम्मान और आत्मनिर्भरता देना है जो अकेले जीवन जी रही हैं और जिनके पास कोई स्थायी सहारा नहीं है.
अगला लक्ष्य: पांच साल में बनेगा एक करोड़ घर
प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 का अगला लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में शहरी क्षेत्रों में एक करोड़ नए घरों का निर्माण किया जाए. इसके लिए सरकार ने 31 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं. यह लक्ष्य दिखाता है कि देश के हर नागरिक को ‘अपना घर’ दिलाना अब सिर्फ सपना नहीं बल्कि सरकारी प्राथमिकता है.
आवेदन प्रक्रिया को बनाया गया है सरल और ऑनलाइन
लाभार्थियों को इस योजना का लाभ आसानी से मिले. इसके लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने एक विशेष ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है. इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी पात्र व्यक्ति सीधे आवेदन कर सकता है, जिससे बिचौलियों और भ्रष्टाचार की संभावना कम हो गई है. यह कदम सरकारी योजनाओं में डिजिटल पारदर्शिता का बेहतरीन उदाहरण है.
भारी निवेश, सरकारी और निजी भागीदारी से होगा निर्माण
इस योजना के लिए कुल मिलाकर 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना है, जिसमें से 2.30 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सहायता होगी. बाकी राशि निजी क्षेत्र, साझेदारी मॉडल और राज्य सरकारों के सहयोग से जुटाई जाएगी. इससे न केवल लोगों को घर मिलेंगे. बल्कि रोजगार के नए अवसर, कंस्ट्रक्शन सेक्टर में तेजी और शहरी विकास को नया आयाम मिलेगा.