UP New Railway Line: कासगंज-एटा बड़ी रेल लाइन के बिछाने की प्रक्रिया जोरों पर है। इस परियोजना के तहत, दो जिलों को जोड़ने वाली इस रेल लाइन के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण की शुरुआती कार्रवाई की गई है। इस रूट पर आने वाले लगभग 20 गांवों की जमीन का उपयोग इस रेल लाइन के लिए किया जाएगा, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है।
भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया और किसानों का लाभ
कासगंज और एटा जिले के बीच बिछाई जा रही इस रेल लाइन के लिए, जिन 20 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उनमें से कासगंज जिले के 4 गांव और एटा जिले के 16 गांव शामिल हैं। इस प्रक्रिया से किसानों को उनकी जमीन के लिए सर्किल रेट या उससे अधिक मूल्य प्राप्त होने की संभावना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
परियोजना की विशेषताएं और महत्व
इस रेल लाइन का मुख्य उद्देश्य दोनों जिलों के बीच यात्री और माल ढुलाई कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। यह नई रेल लाइन टूंडला और आगरा जैसे मुख्य रेलवे स्टेशनों को भी सीधे जोड़ेगी, जिससे क्षेत्रीय यातायात में सरलता आएगी। इस परियोजना की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे अब जाकर मंजूरी मिली है।
भूमि अधिग्रहण की चुनौतियाँ और समाधान
रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित रूट पर भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों से संवाद स्थापित किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण से जुड़ी किसी भी आपत्ति को सुनने और उन्हें हल करने के लिए प्रशासन तत्पर है। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, वेरीफिकेशन और मुआवजा वितरण की गतिविधियां योजनाबद्ध तरीके से की जा रही हैं।
कासगंज-एटा रेल लाइन आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
यह रेल लाइन न केवल दोनों जिलों के बीच आवागमन को सरल बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। इस परियोजना से जुड़े गांवों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, साथ ही क्षेत्रीय बाजारों का विस्तार होगा। यह परियोजना क्षेत्रीय समृद्धि का माध्यम बनेगी और सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगी।