Fake Mustard: दादरी अनाजमंडी में सरसों की आपूर्ति और गुणवत्ता पर कार्रवाई का दौर जारी है। हाल ही में, अनाजमंडी प्रशासन ने कई आढ़तियों द्वारा सप्लाई की गई नकली सरसों के मामलों को लेकर सख्त कदम उठाया है। वहीं, गोदामों में भेजी जा रही सरसों की खेप को रिजेक्ट करने पर आढ़तियों और किसानों में आक्रोश फैला है। इस कार्रवाई के चलते न केवल किसानों के भुगतान में देरी हो रही है, बल्कि मंडी में उठान की प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है।
गोदाम में रिजेक्शन की समस्या
दादरी सहित प्रदेश की अन्य मंडियों में सरसों की खरीद तो जारी है, लेकिन गोदाम में जाने वाली सरसों को गुणवत्ता के आधार पर रिजेक्ट किया जा रहा है। इस पर आढ़तियों ने खासकर विरोध जताया है। आढ़ती विनोद गर्ग के अनुसार, मंडी में लाई गई सरसों पूरी तरह से साफ-सुथरी है, फिर भी गोदाम में इसे अस्वीकार किया जा रहा है, जिससे मंडी में आने वाली गाड़ियां वापस लौटाई जा रही हैं।
प्रभावित हो रहा है किसानों का भुगतान
गर्ग ने यह भी बताया कि इस प्रक्रिया से किसानों की पेमेंट में देरी हो रही है, जो उनकी आर्थिक स्थिति पर भारी पड़ रही है। इसे देखते हुए मंडी प्रशासन ने इलेक्ट्रिक झरने लगाकर सरसों को साफ करने की व्यवस्था की है।
भविष्य में समस्या न आए इसके लिए कदम
मार्केट कमेटी सचिव विजय कुमार ने कहा कि गाड़ियों को पूरी तरह से रिजेक्ट नहीं किया गया है, केवल कुछ बैग जिनमें अधिक धूल थी, उन्हें वापस भेजा गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि भविष्य में इस प्रकार की समस्या नहीं आएगी, क्योंकि संबंधित एजेंट उन्हें साफ कर वापस भेज देंगे। इस दिशा में आढ़तियों, खरीद एजेंसी प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत बैठकें की गई हैं।