Delhi Meerut Expressway Challan: गाजियाबाद में हाल ही में हुई सड़क सुरक्षा समीक्षा बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है, जिसके अनुसार दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल वे पर दो पहिया वाहन चलाने वाले चालकों के खिलाफ न केवल चालान जारी किया जाएगा, बल्कि विधिक मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा. इस निर्णय से उच्च गति वाले मार्गों पर सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
नेशनल हाईवे अथॉरिटी के निर्देश और उनका पालन
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस बात की पुष्टि की है कि अगर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे या ईस्टर्न पेरिफेरल पर कोई दो पहिया वाहन पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. इससे पहले जहां केवल चालान की प्रक्रिया होती थी, वहीं अब चालान के साथ-साथ कानूनी मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा.
गाजियाबाद प्रशासन का उद्देश्य और सख्ती
गाजियाबाद के एडीएम सिटी गंभीर सिंह की अगुवाई में इस नीति को लागू करने का उद्देश्य सड़कों पर सुरक्षा बढ़ाना है. उन्होंने बताया कि दुर्घटनाओं की आवृत्ति को कम करने के लिए और जानमाल की हानि को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. इसके अलावा, ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के लिए भी NHAI को विशेष निर्देश दिए गए हैं.
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की महत्वपूर्ण भूमिका
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, जिसे नेशनल एक्सप्रेसवे 3 के रूप में भी जाना जाता है, दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा को बहुत सुगम बना दिया है. इसकी कुल लंबाई 96 किलोमीटर है और यह भारत के सबसे चौड़े एक्सप्रेसवे में से एक है. इस मार्ग का उपयोग करने वाले यात्री अब महज 45 मिनट से एक घंटे में दिल्ली से मेरथ तक की यात्रा पूरी कर सकते हैं, जो पहले 2.5 से 3 घंटे का समय लेती थी.
इस निर्णय के प्रभाव से न केवल सड़क सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि यह नियम उन चालकों के लिए एक स्पष्ट संदेश भी है जो उच्च गति वाले एक्सप्रेसवे पर नियमों की अनदेखी करते हैं. इस प्रकार, गाजियाबाद प्रशासन और NHAI की यह पहल सड़क पर सुरक्षा और कानूनी जिम्मेदारी दोनों को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है.