Haryana School Advisory: देशभर में गर्मी ने अप्रैल की शुरुआत से ही अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। उत्तर भारत के कई राज्यों की तरह हरियाणा में भी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मौसम खास सावधानी बरतने का होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा के शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी स्कूलों के लिए एक विस्तृत एडवाइजरी जारी की है, ताकि छात्रों को लू व गर्मी से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके।
बढ़ती गर्मी को लेकर शिक्षा निदेशालय हुआ सतर्क
हरियाणा में तापमान लगातार 35 डिग्री से ऊपर जा रहा है और अगले कुछ हफ्तों में यह और भी ज्यादा बढ़ने की संभावना है। शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को निर्देश जारी किए हैं कि वे गर्मी से सुरक्षा के उपाय अपनाएं और छात्रों की सेहत से कोई समझौता न करें।
पानी पीने के लिए तय की गई घंटी
सबसे पहले स्कूलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे दिन में तीन बार पानी पीने के लिए घंटी बजाएं ताकि बच्चे समय-समय पर हाइड्रेटेड रहें। गर्मी में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन और लू लगने की संभावना ज्यादा रहती है। इसलिए यह छोटा सा कदम बच्चों को बीमार होने से बचा सकता है।
धूप में नहीं होगा कोई कार्यक्रम
एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि किसी भी प्रकार का आयोजन या गतिविधि खुले में, विशेषकर दोपहर में, न करवाई जाए। धूप में बच्चों को बैठाना या अभ्यास कराना पूरी तरह से मना किया गया है। खेल, पीटी या अन्य बाहरी गतिविधियों को या तो रद्द कर दिया जाए या सुबह 10 बजे से पहले निपटा लिया जाए।
क्लासरूम को गर्मी से बचाने के लिए उपाय
शिक्षा विभाग ने स्कूलों को यह भी निर्देश दिए हैं कि कक्षाओं में गर्म हवा और धूप के प्रवेश को रोका जाए। इसके लिए खिड़कियों और दरवाजों पर एल्यूमीनियम फॉयल, पन्नी या मोटे गत्ते लगाए जाएं। गर्म हवा आने वाले हिस्सों पर पर्दे लगाने का सुझाव भी दिया गया है ताकि कमरों का तापमान कम रखा जा सके।
आयुष विभाग से संपर्क की सिफारिश
गर्मी से बचाव को लेकर बच्चों को जागरूक करने के लिए अध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वे कक्षा में गर्मी से जुड़ी सावधानियों और घरेलू उपायों पर चर्चा करें। इसके अलावा आवश्यकता होने पर स्थानीय आयुष विभाग से संपर्क कर विशेषज्ञों को स्कूल में बुलाया जा सकता है।
इमरजेंसी के लिए मेडिकल सुविधा सुनिश्चित
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्कूल को नजदीकी अस्पताल से संपर्क में रहना चाहिए। इसके साथ ही प्राथमिक उपचार (First Aid) देने की व्यवस्था भी होनी चाहिए। स्टाफ को इसके लिए ट्रेनिंग भी दी जानी चाहिए ताकि समय पर इलाज हो सके।
छुट्टी के समय सावधानी के निर्देश
स्कूल से छुट्टी के समय बच्चों को सलाह दी जाए कि वे अपने सिर और शरीर को कपड़े से ढककर ही बाहर निकलें। तेज धूप में बिना सिर ढके चलना बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके साथ ही छात्रों को कहा जाए कि वे घर पहुंचने के बाद सीधे धूप से बचकर आराम करें।
घर पर भी रखें ये सावधानियां
छुट्टियों के दौरान भी बच्चों को घर में रहने की सलाह दी गई है। धूप में बाहर खेलने या घूमने से बचना, हल्का व संतुलित भोजन करना और ज्यादा मात्रा में पानी पीना इस मौसम में जरूरी है। स्कूली बच्चों को यह समझाना बेहद जरूरी है कि गर्मी के मौसम में लापरवाही स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है।
मौसम की जानकारी रखें अलर्ट रहें
शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन से कहा है कि वे स्थानीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान पर ध्यान दें और जरूरत के अनुसार स्कूल समय में बदलाव करें। तापमान बढ़ने पर स्कूल समय सुबह कर दिया जा सकता है या छुट्टियों पर विचार किया जा सकता है।
बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि
हरियाणा सरकार का यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने वाला है। बढ़ती गर्मी के मद्देनज़र यह एडवाइजरी न सिर्फ बच्चों को सुरक्षित रखेगी बल्कि स्कूलों में एक सकारात्मक और सुरक्षित वातावरण भी तैयार करेगी। अब यह स्कूल प्रशासन, अध्यापकों और अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे इन दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें और बच्चों को गर्मी की चपेट में आने से बचाएं।