Loco Pilot: गुजरात के सूरत में एक अनोखा मामला सामने आया है. जहां रेलवे की लापरवाही की वजह से कई घंटे तक ट्रैक बाधित रहा. यह मामला किम रेलवे स्टेशन का है. जहां एक लोको पायलट ने अपनी शिफ्ट पूरी होने के बाद मालगाड़ी को ट्रैक पर ही छोड़ दिया. इस कारण यात्री ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई और यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस घटना ने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
लोको पायलट की लापरवाही बनी परेशानी की वजह
मिली जानकारी के अनुसार जब मालगाड़ी के लोको पायलट की शिफ्ट खत्म हुई, तो उसने बिना किसी सूचना के ट्रेन को ट्रैक पर ही छोड़ दिया. ट्रेन ढाई घंटे तक ट्रैक पर खड़ी रही और इस दौरान यात्री ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ. पायलट ने न ही स्टेशन मास्टर को जानकारी दी और न ही अपने उत्तराधिकारी को सूचित किया. इस वजह से अन्य ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर नहीं चल सकीं. जिससे यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
रेलवे अधिकारियों को मिली जानकारी
इस मामले की जानकारी जब रेलवे अधिकारियों को मिली. तब स्थिति को सुधारने के लिए तुरंत एक नया लोको पायलट भेजा गया. दूसरे पायलट ने मौके पर पहुंचकर मालगाड़ी को ट्रैक से हटाया, जिसके बाद यात्री ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो सकी. लेकिन तब तक यात्री ट्रेनों की देरी के कारण सैकड़ों यात्री अपनी यात्रा में विलंब का शिकार हो चुके थे.
ढाई घंटे तक यात्री ट्रेनें फंसी रहीं
मालगाड़ी के ट्रैक पर खड़े रहने की वजह से कई यात्री ट्रेनें प्रभावित हुईं. यात्री प्लेटफॉर्म पर ही इंतजार करने को मजबूर हो गए और उनके गंतव्य तक पहुंचने में काफी देर हो गई. इस दौरान यात्रियों ने रेलवे प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया और रेलवे अधिकारियों से जवाब मांगा.
यात्रियों की बढ़ी परेशानी
यात्रियों को इस घटना से भारी असुविधा हुई. स्टेशन पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया. जिन यात्रियों को आगे कनेक्टिंग ट्रेनों से सफर करना था. वे अपनी दूसरी ट्रेनों से चूक गए. खासकर उन लोगों को अधिक परेशानी हुई, जो जरूरी कामों के लिए यात्रा कर रहे थे. यात्रियों ने रेलवे से इस तरह की लापरवाहियों को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की.
रेलवे विभाग करेगा मामले की जांच
इस घटना के बाद रेलवे विभाग हरकत में आया और मामले की जांच के आदेश दिए. अधिकारियों का कहना है कि इस लापरवाही की गंभीरता को देखते हुए दोषी कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
ट्रेन संचालन में सुधार की जरूरत
यह घटना बताती है कि ट्रेन संचालन के दौरान उचित समन्वय और अनुशासन की कितनी आवश्यकता है. यदि शिफ्ट चेंज के दौरान स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं और स्टेशन मास्टर को हर स्थिति की जानकारी हो, तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकता है. रेलवे विभाग को इस दिशा में जरूरी कदम उठाने की जरूरत है ताकि यात्रियों को बिना वजह परेशानियों का सामना न करना पड़े.