School Holiday: नए साल का दूसरा महीना फरवरी शुरू होने वाला है, और इसी के साथ त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा. खासकर बच्चों को छुट्टियों का इंतजार रहता है. क्योंकि यह समय उनके लिए खुशियों और खेल कूद से भरा होता है. अब इस महीने की शुरुआत में ही आपको दो दिनों की लगातार छुट्टी मिल रही है. यह छुट्टियां आपके लिए खास हैं. क्योंकि इस दौरान स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे. आइए जानते हैं आपको कब छुट्टियां मिल रही हैं और क्या खास है इस बार.
2 फरवरी और 3 फरवरी को मिलेगा छुट्टी का मजा
बिहार और अन्य राज्यों में रहने वालों के लिए फरवरी के पहले हफ्ते में खास छुट्टियों का मौका है. 2 फरवरी को रविवार होने के कारण सभी स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे. इसके बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा. बसंत पंचमी भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्योहार है और इसे मां सरस्वती की पूजा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन खास तौर पर विद्या, ज्ञान और कला की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है. त्योहार के कारण ज्यादातर जगहों पर छुट्टी रहेगी. इसलिए इस सप्ताह का हर कोई इंतजार कर रहा है. क्योंकि यह समय परिवार के साथ त्योहार मनाने और आराम करने का होता है.
2025 के छुट्टियों के कैलेंडर में क्या है खास?
हर साल की तरह इस साल भी सरकारी कर्मचारियों और छात्रों के लिए छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया गया है. 2025 के कैलेंडर के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को पूरे साल में कुल 66 छुट्टियां मिलेंगी. इसमें जनवरी में 5, फरवरी में 8, मार्च में 9, अप्रैल में 9, मई में 7, जून में 7, जुलाई में 4, अगस्त में 7, सितंबर में 7, अक्टूबर में 10, नवंबर में 5 और दिसंबर में 6 छुट्टियां शामिल हैं. इन छुट्टियों में सार्वजनिक अवकाश, त्योहारों की छुट्टियां, और सरकारी दफ्तरों की छुट्टियां शामिल हैं. इससे सरकारी कर्मचारियों के लिए एक लंबा आराम का समय मिलेगा, जिससे वे अपने परिवार के साथ समय बिता सकेंगे और अपनी छुट्टियों का पूरा फायदा उठा सकेंगे.
सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा का आयोजन भारतीय परंपरा का एक अहम हिस्सा है. यह दिन विशेष रूप से विद्या, ज्ञान और संगीत की देवी मां सरस्वती की पूजा का होता है. इस दिन विद्यार्थियों और कला प्रेमियों के लिए खास महत्व है. इसे वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है. इस दिन लोग अपने पुस्तकों, कलम और अन्य ज्ञानवर्धक वस्तुओं की पूजा करते हैं. ताकि वे जीवन में ज्ञान और सफलता प्राप्त कर सकें.
सरस्वती पूजा खासतौर पर पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में धूमधाम से मनाई जाती है. इन राज्यों में खासकर स्कूलों और कॉलेजों में इस दिन अवकाश रहता है. ताकि छात्र अपनी पढ़ाई और ज्ञान के प्रतीक देवी मां सरस्वती की पूजा कर सकें. इस दिन को लेकर खास उत्साह और धार्मिक आस्था देखने को मिलती है और लोग इसे बड़े धूमधाम से मनाते हैं.
सरस्वती पूजा के साथ जुड़ी एक खास परंपरा
भारत में सरस्वती पूजा की एक विशेष परंपरा है, जो इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देती है. इस दिन को खास तौर पर छात्रों के लिए यादगार बनाने के लिए बहुत से स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दिन विद्यार्थी अपनी किताबों और पाठ्यक्रमों के साथ-साथ कला और संगीत की साधना भी करते हैं. खासकर संगीत विद्यालयों में इस दिन विशेष उत्सव मनाए जाते हैं और छात्रों को मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिलता है.
किसानों और त्योहारों का संबंध
बसंत पंचमी का त्योहार किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि यह दिन कृषि और फसल के उगने का प्रतीक माना जाता है. विशेष रूप से उत्तर भारत में बसंत पंचमी के दिन खेतों में हल चलाने और नए बीज बोने की परंपरा है. किसानों के लिए यह दिन एक नई शुरुआत और फसल की समृद्धि का संकेत होता है. इस दिन को लेकर हरियाली और प्राकृतिक समृद्धि की कामना की जाती है.