Vindhya Expressway: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कुंभ 2025 से पहले प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी है. संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित विशेष कैबिनेट बैठक में 320 किमी लंबाई वाले विंध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी दी गई. यह नया एक्सप्रेस-वे प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, चंदौली और सोनभद्र जिलों को जोड़ेगा. यह परियोजना प्रदेश में सामाजिक और आर्थिक विकास को गति देने का एक महत्वपूर्ण कदम है.
विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे को भी मिली स्वीकृति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट बैठक के बाद बताया कि 100 किमी लंबाई वाले विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को भी सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है. यह लिंक एक्सप्रेसवे चंदौली से प्रारंभ होकर गाजीपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा. इस नए नेटवर्क से न केवल उत्तर प्रदेश के पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि औद्योगिक विकास को भी बल मिलेगा.
प्रयागराज से सोनभद्र तक सीधी कनेक्टिविटी
विंध्य एक्सप्रेस-वे प्रयागराज से शुरू होकर मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जाएगा. इसका प्रारंभिक बिंदु गंगा एक्सप्रेस-वे होगा और समापन बिंदु सोनभद्र में एनएच-39 पर होगा. इससे न केवल गंगा और विंध्य एक्सप्रेसवे के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा, बल्कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ भी बेहतर कनेक्टिविटी होगी.
स्मार्ट प्रयागराज की ओर एक और कदम
कैबिनेट बैठक में प्रयागराज के लिए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सलोरी से हेतापट्टी तक नए ब्रिज के निर्माण की घोषणा की. यह नया ब्रिज, शास्त्री ब्रिज और यमुना सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर बनाया जाएगा. ये तीनों ब्रिज मिलकर स्मार्ट प्रयागराज की परिकल्पना को साकार करेंगे.
कैबिनेट बैठक में लिए गए अन्य बड़े निर्णय
संगम तट पर हुई विशेष कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास के लिए कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई. इनमें प्रमुख निर्णय निम्नलिखित हैं:
- एयरोस्पेस डिफेंस पॉलिसी 2018 का नवीनीकरण.
- प्रयागराज-चित्रकूट और वाराणसी-विंध्य को सतत विकास क्षेत्र घोषित किया गया.
- युवाओं को टैबलेट वितरण के लिए स्वीकृति.
- बलरामपुर में केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर को मेडिकल कॉलेज में बदलने की योजना.
- बागपत, हाथरस और कासगंज में पीपीपी मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी.
- टाटा टेक्नोलॉजीज के साथ मिलकर 62 आईटीआई और 5 ट्रेनिंग सेंटर को उच्चीकृत किया जाएगा.
विकास परियोजनाओं से पूर्वांचल को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में पहले से ही कई एक्सप्रेसवे परियोजनाएं चल रही हैं. इनसे क्षेत्र में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिला है. विंध्य एक्सप्रेस-वे और विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से इस क्षेत्र में नए उद्योग स्थापित होंगे और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. मुख्यमंत्री ने बताया कि मीरजापुर में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जो इस क्षेत्र की आर्थिक मजबूती का संकेत है.
गंगा और विंध्य एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे और विंध्य एक्सप्रेसवे का आपसी संपर्क उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और परिवहन नेटवर्क को और मजबूत करेगा. इन दोनों परियोजनाओं से न केवल माल परिवहन आसान होगा. बल्कि प्रदेश के किसान और व्यापारी भी इससे लाभान्वित होंगे. बेहतर सड़कों से सामान जल्दी और कम लागत में बाजार तक पहुंच सकेगा.
युवाओं के लिए नई संभावनाएं
सरकार ने विकास परियोजनाओं के साथ-साथ युवाओं को भी ध्यान में रखा है. टैबलेट वितरण और आईटीआई को उच्चीकृत करने की योजना से प्रदेश के युवा आधुनिक तकनीक में दक्ष हो सकेंगे. इसके अलावा, नए मेडिकल कॉलेज और ट्रेनिंग सेंटर से शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नई संभावनाएं पैदा होंगी.
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
प्रयागराज और वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को जोड़ने वाले इन एक्सप्रेसवे से प्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. तीर्थयात्री और पर्यटक अब इन स्थानों तक आसानी और कम समय में पहुंच सकेंगे.