PM Awas Yojana: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिसका मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और मिशन शक्ति अभियान को बढ़ावा देना है. इन बदलावों के तहत अब पक्के आवास केवल महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृत किए जाएंगे जबकि पुरुष मुखिया के नाम पर स्वीकृत आवास में महिला मुखिया का नाम जोड़ना अनिवार्य होगा.
महिला मुखिया के नाम स्वीकृति
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के अनुसार, इस पहल का मुख्य लक्ष्य महिलाओं को अधिकार और स्वामित्व की भावना प्रदान करना है. इससे न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी, बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान भी प्राप्त होगा. आवास योजनाओं में इस तरह के परिवर्तन से महिलाओं को अपने जीवन में बड़े फैसले लेने का अधिकार मिलेगा.
आवास योजना में नए सुधार
नए नियमों के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले सभी नए आवासों को महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृति दी जाएगी. यदि पुरुष मुखिया के नाम पर आवास स्वीकृत होता है, तो उसमें महिला मुखिया का नाम अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा. इस प्रक्रिया से न केवल महिलाओं की स्थिति मजबूत होगी, बल्कि यह समाज में लिंग समानता को भी बढ़ावा देगा.
ग्राम चौपालों का आयोजन और उसका महत्व
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रत्येक विकासखंड की दो ग्राम पंचायतों में हर शुक्रवार को ग्राम चौपालों का आयोजन किया जाए. इससे ग्रामीण समुदाय को अपनी समस्याएं सीधे सरकार तक पहुंचाने का मौका मिलेगा और इससे निर्णय प्रक्रिया में उनकी सहभागिता भी बढ़ेगी. इस तरह के आयोजनों से ग्रामीण विकास में तेजी आएगी और सामुदायिक समस्याओं का समाधान भी सुगमता से हो सकेगा.
सरकारी आंकड़े और उनकी जानकारी
ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 40.14% आवास महिला मुखिया के नाम पर हैं और मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 29.25% आवास महिला मुखिया के नाम पर स्वीकृत किए गए हैं. यह आंकड़े न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में उठाए गए कदमों को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी सिद्ध करते हैं कि सरकारी नीतियों का महिलाओं के जीवन में कितना सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है.