RBI Guideline: भारतीय बाजार में अलग अलग तरह के नोट— ₹10, ₹20, ₹50, ₹100, ₹200 और ₹500— प्रचलन में हैं. ये सभी नोट रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सख्त निगरानी में चलाए जाते हैं. आरबीआई और भारत सरकार समय-समय पर नई मुद्रा नीतियों और नियमों का पालन करते रहते हैं. हाल ही में ₹100 और ₹500 के नोटों के लिए नए गाइडलाइन्स जारी किए गए हैं जोकि जनता के लिए जरूरी हैं.
नए नोटों का परिचालन और सुरक्षा मानदंड
भारत में जब भी नये नोटों की जारी या वापसी की बात आती है, तो यह निर्णय आरबीआई और सरकार मिलकर करते हैं. वर्तमान में, ₹100 और ₹500 के नकली नोटों का बाजार में प्रसार (Fake Currency Circulation) अधिक होने की वजह से नए नियम लागू किए गए हैं. इन नए गाइडलाइन्स में नोटों की अधिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपाय शामिल हैं, जैसे कि बेहतर वाटरमार्क्स और मोटी सुरक्षा धारियां.
मुद्रा का रोजाना उपयोग और नकली नोटों की पहचान
आमतौर पर, भारतीय बाजार में ₹100 के नोट सबसे अधिक प्रचलित हैं, क्योंकि ये छोटे दैनिक लेन-देन (Small Transactions) के लिए उपयुक्त होते हैं. वर्तमान में नकली ₹100 के नोटों का प्रसार बहुत अधिक है, इसलिए आरबीआई ने नकली और असली नोटों की पहचान के लिए विस्तृत जानकारी प्रदान की है. इसमें नोट पर छपे फ्लोरल डिजाइन, महात्मा गांधी की तस्वीर और वाटर मार्क (Watermark) के जरिए असली और नकली नोट की पहचान शामिल है.
₹500 के नोटों की विशेषताएं और पहचान
बाजार में ₹500 के नोट भी व्यापक रूप से चलन में हैं. इन नोटों की सुरक्षा विशेषताओं में भाषा स्पेलिंग, वाटरमार्क, और डिजाइन के माध्यम से असली और नकली नोट की पहचान की जा सकती है. यदि कोई नकली ₹500 का नोट प्राप्त हो, तो इसकी स्पेलिंग में गलती और डिजाइन में भिन्नता की जांच करनी चाहिए.
प्रामाणिकता की जांच और उपभोक्ता जागरूकता
नोटों की प्रामाणिकता की जांच के लिए आरबीआई ने गाइडलाइन्स जारी की हैं जिसमें नोट की क्वालिटी, वाटरमार्क की जांच, और मुद्रित डिजाइन की जांच शामिल है. उपभोक्ताओं को ये जानकारियां होनी चाहिए ताकि वे किसी भी धोखाधड़ी से बच सकें और अपनी मेहनत की कमाई की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें.