Open School Board: पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने ओपन स्कूल प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए एक नई राह दी है. अब 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए दो सत्रों में दाखिला मिलेगा. पहला सत्र अप्रैल से और दूसरा सत्र अक्टूबर से शुरू होगा. यह फैसला उन विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो किसी कारणवश अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके.
पढ़ाई के लिए मिलेगा दूसरा मौका
पहले विद्यार्थी केवल फरवरी-मार्च में परीक्षा देने का मौका पाते थे. लेकिन अब जुलाई-अगस्त में भी परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी. इससे वे छात्र-छात्राएं जो किसी कारणवश अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए थे. शिक्षा के मुख्यधारा में वापस लौट सकते हैं.
दो सत्रों में दाखिले की सुविधा
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने यह कदम उठाया है ताकि कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित न रहे.
- पहला सत्र: अप्रैल से शुरू होगा.
- दूसरा सत्र: अक्टूबर से शुरू होगा.
यह बदलाव विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई को नए सिरे से शुरू करने का अवसर देगा और उनका साल खराब नहीं होगा.
ओपन स्कूल प्रणाली के फायदे
- घर बैठे पढ़ाई की सुविधा: ओपन स्कूल प्रणाली के तहत छात्र घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं.
- समय की लचीलापन: विद्यार्थियों को अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई और परीक्षा देने का मौका मिलेगा.
- वर्ष बर्बाद होने से बचाव: दो सत्रों में दाखिले की सुविधा से विद्यार्थी अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ने के बाद भी उसे फिर से शुरू कर सकते हैं.
पंजाब में पहली बार हो रहा है यह बदलाव
PSEB की ओपन स्कूल कोऑर्डिनेटर सीमा चावला ने बताया कि यह योजना उन बच्चों के लिए शुरू की गई है. जो किसी वजह से स्कूल नहीं जा पाए. पंजाब में ऐसा पहली बार हो रहा है. जब शिक्षा को अधिक सुलभ और समावेशी बनाने के लिए ओपन स्कूल प्रणाली में इतना बड़ा बदलाव किया गया है.
शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए वरदान
यह नई योजना खासतौर पर उन विद्यार्थियों के लिए है, जो आर्थिक, पारिवारिक या अन्य कारणों से अपनी पढ़ाई जारी नहीं रख सके.
- समाज के हर वर्ग तक शिक्षा पहुंचाना: इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज के हर वर्ग तक शिक्षा की पहुंच को सुनिश्चित करना है.
- समय पर परीक्षा का अवसर: अब विद्यार्थी किसी भी सत्र में दाखिला लेकर समय पर परीक्षा दे सकते हैं.
क्यों जरूरी था यह बदलाव?
पंजाब में हर साल कई विद्यार्थी किसी कारणवश अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं. इसका मुख्य कारण शिक्षा प्रणाली में लचीलापन की कमी थी.
- साल बर्बाद होने का डर: पुराने नियमों के तहत विद्यार्थियों को अगली परीक्षा के लिए पूरे साल इंतजार करना पड़ता था.
- शिक्षा में रुचि की कमी: लंबे अंतराल के कारण कई छात्र पढ़ाई में रुचि खो देते थे.
- ड्रॉपआउट दर में वृद्धि: शिक्षा प्रणाली में लचीलापन न होने से ड्रॉपआउट दर बढ़ रही थी.
परीक्षा के आयोजन में बदलाव
अब ओपन स्कूल प्रणाली के तहत परीक्षाएं केवल फरवरी-मार्च में नहीं. बल्कि जुलाई-अगस्त में भी आयोजित की जाएंगी. यह बदलाव छात्रों को बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई की योजना बनाने में मदद करेगा.
ओपन स्कूल प्रणाली
ओपन स्कूल प्रणाली उन विद्यार्थियों के लिए वरदान है, जो नियमित स्कूल नहीं जा सकते.
- खुद की गति से पढ़ाई: छात्र अपनी सुविधा के अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं.
- कम खर्चीली शिक्षा: ओपन स्कूल प्रणाली में फीस और अन्य खर्च कम होते हैं.
- शिक्षा के अवसरों का विस्तार: यह प्रणाली शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने में मदद करती है.
अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का यह फैसला अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा है. इस कदम से यह साबित होता है कि शिक्षा प्रणाली में लचीलापन और नवाचार के माध्यम से हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचाई जा सकती है.
छात्रों और अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
इस बदलाव को लेकर छात्रों और अभिभावकों ने खुशी जताई है.
- छात्रों के लिए लाभदायक: अब उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए दूसरा मौका मिलेगा.
- अभिभावकों का सहयोग: अभिभावक इस फैसले को अपने बच्चों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं.