Land Rates: बिहार सरकार ने जमीन के सौदों के लिए नया बड़ा फैसला लेने की तैयारी की है. अगर आप भी बिहार में जमीन खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि सरकार जल्द ही मिनिमम वैल्यू रजिस्टर को बढ़ाने जा रही है जिसका सीधा असर जमीन खरीद-बिक्री पर पड़ेगा.
MVR में बदलाव की प्रक्रिया
निबंधन विभाग ने प्रत्येक जिले से जमीन की न्यूनतम मूल्यांकन सूची (MVR review process) को रिवाइज करने के प्रस्ताव मांगे हैं. इसका मतलब है कि जमीन की सरकारी कीमतें जल्द ही बढ़ने वाली हैं, जिससे खरीद-बिक्री करने पर अधिक राजस्व की वसूली होगी. यह बढ़ोतरी आपके लिए जमीन की लागत को भी बढ़ा सकती है.
राज्यव्यापी MVR में संभावित बढ़ोतरी
निबंधन विभाग के अनुसार, बिहार में पिछली बार MVR में बदलाव आठ साल पहले हुआ था. अब जमीन के रेट में हुई वृद्धि के कारण नया MVR ज्यादा होने की संभावना है, जिससे सरकारी राजस्व (government revenue increase) में भी इजाफा होगा.
एमवीआर के आधार पर टैक्स की वसूली
बिहार में जमीन की खरीद पर टैक्स की वसूली एमवीआर के आधार पर की जाती है. रजिस्ट्री के समय जमीन की सरकारी कीमत के हिसाब से रजिस्ट्री शुल्क और स्टांप ड्यूटी (registration fees and stamp duty) ली जाती है. नए MVR के अनुसार, यह दरें और बढ़ेंगी, जिससे खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को अधिक खर्च उठाना पड़ सकता है.
कितना पड़ेगा जेब पर असर
बिहार में नए MVR के लागू होने से जमीन की खरीद पर व्यय काफी बढ़ जाएगा. नए रेट्स के अनुसार जमीन की कीमतों में 25 से 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी संभव है जिससे जमीन खरीदने वालों को पहले की तुलना में कहीं अधिक टैक्स देना पड़ सकता है (impact on buyers’ expenses). यह बढ़ोतरी खरीदारों के लिए एक बड़ा वित्तीय बोझ साबित हो सकती है.