New Vehicles Registration Rules: भारत सरकार ने वाहन स्क्रैपिंग नीति को कड़ाई से लागू किया है, जिसके तहत पंद्रह वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को अवैध रूप से चलाना अब गैरकानूनी हो गया है. ऐसे वाहनों को अब आधिकारिक स्क्रैपिंग केंद्रों पर जमा करना जरूरी है. इस नीति का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को प्रदूषण से बचाना और सड़कों पर चलने वाले वाहनों की फिटनेस का ध्यान रखना जरूरी है.
वाहन स्क्रैपिंग प्रक्रिया और जुर्माने
नई नीति के अनुसार, वाहन मालिकों को अपने वाहनों को पंजीकृत स्क्रैपिंग केंद्र में जमा करना होगा, यदि वे उम्र सीमा से अधिक हो चुके हैं. यदि वाहन मालिक ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के तहत जुर्माना और अन्य कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन रद्द करना शामिल है.
वाहन उत्पादकों की जिम्मेदारियां
वाहन उत्पादनकर्ताओं को भी हर साल एक निश्चित मानक के अनुसार वाहनों की स्क्रैपिंग सुनिश्चित करनी होगी. इसके लिए उन्हें प्रमाणपत्र खरीदना पड़ेगा जो कि वाहनों की उम्र और उनमें इस्तेमाल की गई स्टील की मात्रा के आधार पर निर्धारित होता है. यह प्रमाणपत्र देश के अधिकृत स्क्रैपिंग केंद्रों से प्राप्त किया जाना चाहिए.
स्क्रैपिंग के लिए मानक और उत्पादनकर्ताओं के लक्ष्य
स्क्रैपिंग के लिए निर्धारित मानकों में वाहनों में इस्तेमाल की गई स्टील की मात्रा महत्वपूर्ण है. वाहन उत्पादकों को निर्धारित वर्षों में इस्तेमाल की गई स्टील का कम से कम आठ प्रतिशत स्क्रैप करना होगा. इससे न केवल पुराने वाहनों की संख्या कम होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी.
नई स्क्रैपिंग नीति के अंतर्गत वाहनों की फिटनेस की जांच
वाहनों की फिटनेस की जांच नियमित रूप से आरटीओ की देखरेख में की जाएगी. यदि वाहन फिट पाया जाता है, तो उसके रजिस्ट्रेशन को पांच साल की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है. यह नीति वाहन मालिकों को उनके वाहनों की फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करती है और साथ ही सड़कों पर सुरक्षित वाहनों की गारंटी देती है.