Home Loan EMI: आज के समय में शहरों में रहना और अपनी छत के नीचे जीवन यापन करना एक महंगा सौदा बन चुका है. महानगरों में बढ़ती हुई प्रॉपर्टी की कीमतों ने खुद का घर खरीदने की चाहत को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है. ऐसे में अधिकांश लोग या तो होम लोन का सहारा लेते हैं या फिर किराये के मकान में अपना जीवन गुजारते हैं.
घर खरीदने की आर्थिक चुनौतियां
जैसे ही किसी व्यक्ति की नौकरी लगती है, परिवार का पहला लक्ष्य होता है अपना घर खरीदना. यद्यपि आज बाजार में विभिन्न होम लोन सुविधाएं उपलब्ध हैं, फिर भी बड़ी राशि का प्रबंधन कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं. इसके अलावा, लोन लेकर घर बनवाने की प्रक्रिया भी तनावपूर्ण और जटिल हो सकती है.
किराये की तुलना में घर खरीदने के फायदे और नुकसान
एक्सपर्ट्स का मानना है कि मेट्रो शहरों में घर खरीदने के बजाय किराये पर रहना अधिक फायदेमंद हो सकता है. किराये का मकान न केवल आर्थिक रूप से कम बोझिल होता है बल्कि यह आपको वित्तीय लचीलापन भी देता है. आपको निवेश की अन्य संभावनाओं का पता लगाने का मौका मिलता है जो समय के साथ अधिक रिटर्न दे सकते हैं.
निवेश और आर्थिक गणना
आइए एक उदाहरण से समझते हैं कि निवेश की गई राशि और उस पर मिलने वाले रिटर्न का क्या प्रभाव होता है. अगर आप अपने मासिक ईएमआई को म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो लंबे समय में यह राशि एक बड़ी धनराशि में बदल सकती है. यह धनराशि एक घर की कीमत से भी अधिक हो सकती है, जिससे आपको अधिक आर्थिक सुरक्षा और स्वतंत्रता मिलती है.