CBSE Exam: सीबीएसई ने घोषणा की है कि 2026 से 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी. यह बदलाव छात्रों को अगर किसी कारण से पहली परीक्षा छूट जाती है या वे अपने प्रदर्शन को सुधारना चाहते हैं तो दूसरी परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य परीक्षा से जुड़े दबाव को कम करना और छात्रों को अधिक अवसर प्रदान करना है.
जनता से सुझाव आमंत्रित
सीबीएसई इस बदलाव के ड्राफ्ट को जारी करने वाला है और इसके लिए जनता से सुझाव (public feedback) मांगे जाएंगे. यह प्रक्रिया शिक्षा प्रणाली को और अधिक लचीला बनाने में मदद करेगी, जिससे कि छात्र अपनी पढ़ाई पर बेहतर ढंग से ध्यान केंद्रित कर सकें.
तनाव मुक्त परीक्षा की ओर एक कदम
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक में इस नई परीक्षा प्रणाली की समीक्षा की गई. इस बैठक में उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन छात्रों को उनके प्रदर्शन में सुधार करने के अधिक मौके प्रदान करेगा और उनके लिए परीक्षा का दबाव कम करेगा.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाठ्यक्रम का विस्तार
सीबीएसई ने अपने 260 विदेशी स्कूलों के लिए 2026-27 से एक वैश्विक पाठ्यक्रम (global curriculum) शुरू करने का निर्णय लिया है. यह पाठ्यक्रम छात्रों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मानकों के अनुरूप तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है.
नए दिशा-निर्देश और स्कूलों की जवाबदेही
सीबीएसई ने स्कूलों को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसके अनुसार परीक्षा के दिन सभी स्कूलों को OECMS पोर्टल पर अपनी प्रतिक्रिया अनिवार्य रूप से अपलोड करनी होगी. यह कदम परीक्षा प्रणाली में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए उठाया गया है.
अफवाहों से सावधान रहने की सलाह
छात्रों और अभिभावकों को परीक्षा से जुड़ी अफवाहों और पेपर लीक की गलत सूचनाओं से सावधान रहने के लिए कहा गया है. सीबीएसई ने बताया कि केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही विश्वास करें और अन्य स्रोतों से मिलने वाली गलत जानकारियों से बचें.