Exam Attendance Rule: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में एक बार फिर से उन छात्रों को स्पष्ट चेतावनी दी है जो नियमित रूप से स्कूली कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. बोर्ड के अनुसार, ऐसे छात्रों को CBSE बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा, जो स्कूल इस तरह की डमी स्कूल प्रणाली को बढ़ावा दे रहे हैं या गैर-हाजिर छात्रों को परीक्षा के लिए नामांकित कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
डमी स्कूलों में दाखिले पर सख्ती
CBSE ने साफ किया है कि जो छात्र ‘डमी स्कूलों’ में दाखिला ले रहे हैं, उन्हें कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं होगी. इस प्रक्रिया की जिम्मेदारी छात्रों और उनके माता-पिता पर होगी. ऐसे में, जिन छात्रों ने डमी स्कूलों में दाखिला लिया है, उन्हें अब राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) की परीक्षा देनी होगी.
75% हाजरी जरूरी
सीबीएसई ने अपनी नियमावली में एक महत्वपूर्ण संशोधन किया है. अब से, सभी CBSE छात्रों के लिए कम से कम 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है. यह नियम शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी होगा. यह नियम यह सुनिश्चित करेगा कि छात्र नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लें और उनकी शैक्षिक गतिविधियां बाधित न हों.
उपस्थिति में छूट के नियम
हालांकि, CBSE ने कुछ खास परिस्थितियों में छात्रों को उपस्थिति में छूट देने का भी प्रावधान किया है. चिकित्सा आपातकाल, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी, या अन्य गंभीर परिस्थितियों के चलते, छात्रों को उपस्थिति में 25% की छूट दी जा सकती है.
डमी स्कूलों की ओर बढ़ता रुझान और उसके कारण
इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए कई छात्र डमी स्कूलों का रुख करते हैं ताकि वे अपनी पूरी ऊर्जा प्रतियोगी परीक्षाओं पर केंद्रित कर सकें. यह एक प्रमुख कारण है कि डमी स्कूलों की संख्या बढ़ रही है और इससे शैक्षिक प्रणाली में बड़े पैमाने पर असंतुलन पैदा हो रहा है. CBSE इस मुद्दे पर नजर रख रहा है और जल्द ही NIOS के साथ मिलकर इसे सुधारने के लिए नए दिशा-निर्देश तैयार करेगा.
इस निर्णय से सीबीएसई की शिक्षा प्रणाली में सुधार और छात्रों की नियमितता में बढ़ोतरी की उम्मीद है, जो कि एक अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बहुत जरूरी है.