CBSE Exam Rules: नई शिक्षण पद्धति का आरंभ 2026 से, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। पहली परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च के बीच में और दूसरी परीक्षा 5 मई से 20 मई के बीच में संपन्न होगी। इस नई पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों को अधिक लचीलापन प्रदान करना और उनके अकादमिक तनाव को कम करना है।
परीक्षा के परिणाम और प्रबंधन
पहले चरण की परीक्षा के परिणाम 20 अप्रैल तक और दूसरे चरण के परिणाम 30 जून को घोषित किए जाएंगे। इस व्यवस्था में, पहले चरण के बाद छात्रों को कोई पासिंग डॉक्यूमेंट नहीं मिलेगा, बल्कि उनके परिणाम सीधे डिजिटल उपलब्ध होंगे। यह व्यवस्था डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और पेपरलेस प्रणाली की ओर बढ़ने का एक हिस्सा है।
छात्रों के विकल्प और अधिकार
छात्रों के पास पहली या दूसरी परीक्षा में से किसी एक या दोनों में भाग लेने का विकल्प होगा। अगर छात्र पहले चरण की परीक्षा के बाद ही 11वीं कक्षा में प्रवेश लेना चाहते हैं, तो वे डिजिलॉकर में उपलब्ध प्रदर्शन के आधार पर ऐसा कर सकते हैं। दूसरे चरण के नतीजे आने के बाद, सभी पास होने वाले छात्रों को उनकी मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट दिए जाएंगे।
परीक्षा तैयारी और आवश्यक दस्तावेज
छात्रों को परीक्षा के लिए केवल अपने लेखन सामग्री और आधार कार्ड ले जाना अनिवार्य है। परीक्षा केंद्रों पर विस्तृत निगरानी और तीन स्तरीय जांच की जाएगी ताकि परीक्षाओं को नकल मुक्त बनाया जा सके। परीक्षार्थियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए कठोर उपाय किए गए हैं।
शिक्षा में नवाचार की दिशा में CBSE का कदम
इस नई पहल से न केवल छात्रों को उनकी शैक्षणिक प्रगति में लचीलापन मिलेगा, बल्कि शिक्षा प्रणाली में अधिक सुधार और पारदर्शिता आएगी। CBSE द्वारा दो बार परीक्षा आयोजित करना शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है, जो छात्रों की जरूरतों और आधुनिक युग की मांगों के अनुकूल है।