Board Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में एक जरूरी घोषणा की है जो उन स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण है जो डमी स्कूलों में एडमिशन लेते हैं. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि ऐसे स्कूलों में एडमिशन लेने वाले छात्रों को कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस कदम का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुनिश्चित करना और छात्रों को नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है.
डमी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई
सीबीएसई ने डमी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की घोषणा की है, जिन्हें बोर्ड परीक्षाओं में भाग लेने से रोका जाएगा. ऐसे स्कूल जो अपने छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं करते हैं और डमी एडमिशन को बढ़ावा देते हैं, उन पर बोर्ड द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी. ऐसे छात्र जो नियमित रूप से कक्षाओं में शामिल नहीं होते हैं, उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) की परीक्षा देनी होगी.
छात्रों और अभिभावकों की जिम्मेदारी
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित न होने के दुष्परिणामों के लिए छात्र और उनके अभिभावक जिम्मेदार होंगे. इस प्रक्रिया में स्कूलों को भी उनकी उपस्थिति और गुणवत्ता की जाँच के लिए कड़ी निगरानी में रखा जाएगा.
उपस्थिति के नियम और महत्व
सीबीएसई ने निर्धारित किया है कि बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने के लिए छात्रों की न्यूनतम 75% उपस्थिति अनिवार्य है. यदि किसी छात्र की उपस्थिति इस सीमा से कम होती है, तो उनके परीक्षा में शामिल होने की योग्यता पर पुनर्विचार किया जाएगा, और ऐसे मामलों में संबंधित स्कूल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.
इस प्रकार, सीबीएसई ने शैक्षणिक प्रणाली में गुणवत्ता और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है. इस नए निर्देश का उद्देश्य छात्रों को नियमित शिक्षा के महत्व को समझाना और डमी स्कूल संस्कृति को समाप्त करना है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में सुधार सुनिश्चित किया जा सके.