School Winter Holiday: दिल्ली-एनसीआर में जारी कड़ाके की ठंड और बढ़ते प्रदूषण ने जनजीवन को प्रभावित किया है. स्कूलों के संचालन पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और अन्य क्षेत्रों में स्कूलों की समय सारणी में बदलाव किया गया है. वहीं दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कक्षाएं हाइब्रिड मोड (ऑफलाइन और ऑनलाइन) में संचालित की जा रही हैं.
गौतमबुद्ध नगर मे स्कूल में बदलाव
गौतमबुद्ध नगर में ठंड के प्रभाव को देखते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों में कक्षा 8 तक की पढ़ाई के लिए समय बदल दिया है. अब कक्षाएं सुबह 10 बजे से शुरू होंगी. इसके साथ ही 16 और 17 जनवरी को स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है. 18 और 19 जनवरी को शनिवार और रविवार का अवकाश होने के कारण स्कूल अब 20 जनवरी से खुलने की संभावना है.
गाजियाबाद मे 18 जनवरी तक स्कूल बंद
गाजियाबाद में कक्षा 8 तक के सभी स्कूल पहले से ही 18 जनवरी तक बंद रखे गए हैं. कक्षा 9 से 11 तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में चल रही है. यह निर्णय छात्रों की सेहत को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. क्योंकि बढ़ते प्रदूषण से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.
दिल्ली मे हाइब्रिड मोड में कक्षाओं का संचालन
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर और ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के लागू होने के कारण स्कूलों में कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित हो रही हैं. नौवीं और 11वीं कक्षा की पढ़ाई भी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में हो रही है. इससे छात्रों को ठंड और प्रदूषण से बचाव में मदद मिलेगी.
उत्तर प्रदेश के स्कूलों में बढ़ाई गई छुट्टियां
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में भीषण ठंड के कारण स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं.
- बरेली: जिलाधिकारी रवींद्र कुमार ने कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है.
- बदायूं: जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने 15 और 16 जनवरी को कक्षा 8 तक के स्कूल बंद रखने का आदेश दिया.
- शाहजहांपुर: यहां भी आठवीं कक्षा तक के स्कूल 16 जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं.
गुरुग्राम और फरीदाबाद मे छुट्टियों के बाद खुले स्कूल
गुरुग्राम और फरीदाबाद में 15 दिनों की शीतकालीन छुट्टी के बाद स्कूल फिर से खुल गए हैं. हालांकि, ठंड के असर को देखते हुए स्कूलों ने छात्रों और शिक्षकों को गर्म कपड़े पहनने और अन्य सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं.
प्रदूषण और ठंड से छात्रों पर असर
ठंड और प्रदूषण का सबसे अधिक असर छात्रों पर पड़ता है. ठंड के कारण सुबह जल्दी उठना और स्कूल जाना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. वहीं प्रदूषण का प्रभाव बच्चों के श्वसन तंत्र पर पड़ सकता है. यही कारण है कि सरकार और प्रशासन ने स्कूलों की समय सारणी में बदलाव और हाइब्रिड मोड का फैसला लिया है.
अभिभावकों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
स्कूलों के समय में बदलाव और छुट्टियों के फैसले से अभिभावकों ने राहत महसूस की है. उनका कहना है कि ठंड और प्रदूषण के इस मौसम में बच्चों को स्कूल भेजना एक बड़ी चुनौती बन गया था. वहीं शिक्षकों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है और इसे छात्रों के स्वास्थ्य के लिए सही कदम बताया है.
प्रशासन के निर्देश और सावधानियां
प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों के लिए कुछ सावधानियां भी जारी की हैं:
- बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर स्कूल भेजें.
- प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए मास्क का उपयोग करें.
- स्कूल प्रशासन से समय-समय पर अपडेट लेते रहें.
- ठंड के कारण बीमार पड़ने पर बच्चों को घर पर ही आराम करने दें.
आगे की योजना
प्रदूषण और ठंड का प्रभाव कम होने के बाद स्कूलों की सामान्य दिनचर्या फिर से शुरू की जाएगी. प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों की पढ़ाई का नुकसान न हो और वे सुरक्षित वातावरण में शिक्षा प्राप्त कर सकें.