Yamuna Expressway Speed Limit: यमुना एक्सप्रेसवे पर इस सर्दी के मौसम में घने कोहरे के चलते विजिबिलिटी में कमी आई थी जिससे यात्रा करना कठिन हो गया था. प्रबंधन ने सुरक्षा को देखते हुए 15 दिसंबर को स्पीड लिमिट को अस्थायी रूप से कम कर दिया था. इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था. इसके साथ ही, प्रबंधन ने आपातकालीन सेवाओं के लिए संपर्क सूची और टाइम टेबल की भी व्यवस्था की थी.
यातायात प्रबंधन में सुधार और सुरक्षा उपाय
सुरक्षा बढ़ाने के लिए, एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग वाहनों की संख्या को 11 से बढ़ाकर 15 की गई थी. इससे पेट्रोलिंग टीमें ज्यादा कुशलता से काम कर सकती हैं और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दे सकती हैं. वाहनों पर रिफलेक्टर टेप चिपकाने का अभियान भी चलाया गया, जिससे रात के समय और कोहरे में वाहनों की दृश्यता बढ़ जाए और दुर्घटना की संभावना कम हो.
स्पीड लिमिट में बदलाव का असर
अब जबकि ठंड कम होने लगी है और कोहरा छंट रहा है, प्रबंधन ने 16 फरवरी से वाहनों के लिए पुरानी गति सीमा बहाल करने का निर्णय लिया है. इस बदलाव से यात्रा का समय कम होगा और लोग अपने गंतव्य तक तेजी से पहुंच सकेंगे. वरिष्ठ प्रबंधक जेके शर्मा ने बताया कि हल्के वाहन अब 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से और भारी वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकेंगे.
चालानों की संख्या में बढ़ोतरी
गति सीमा में बदलाव के बावजूद, पिछले 27 दिनों में यमुना एक्सप्रेसवे पर यातायात उल्लंघन के लिए 4,000 से अधिक चालान काटे गए. इस अवधि में तेज गति से चल रहे 4,172 वाहनों के खिलाफ चालान जारी किए गए, जिससे 86 लाख 64 हजार रुपये का जुर्माना इकट्ठा किया गया. इससे पता चलता है कि यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.