Children Train Ticket Rules: भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन कही जाती है और हर दिन लाखों यात्री इसकी सेवाओं का लाभ उठाते हैं। रेलवे हमेशा अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने की कोशिश में लगा रहता है और यात्रियों को सभी संभव सुविधाएँ देने का प्रयास करता है। विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों, और दिव्यांग जनों को टिकट बुकिंग में विशेष छूट प्रदान की जाती है, जिससे वे कम खर्च में या फ्री में यात्रा कर सकें।
बच्चों के लिए टिकट में छूट की सुविधा
बच्चों के लिए भी भारतीय रेलवे ने विशेष छूट की व्यवस्था की है। 1 से 4 साल की उम्र के बच्चों के लिए टिकट की कोई आवश्यकता नहीं होती है, और उन्हें बिना टिकट के यात्रा करने की अनुमति होती है। 5 से 12 साल के बच्चों के लिए हाफ टिकट का नियम है, हालांकि उन्हें बर्थ प्रदान नहीं की जाती है। यदि पूरी बर्थ चाहिए तो पूरा किराया देना पड़ता है।
शिशु बर्थ के विकल्प और नियम
हाल ही में, भारतीय रेलवे ने शिशु बर्थ की सुविधा का परिचय दिया है जो कि लखनऊ मेल में शुरू की गई है। इस विकल्प को चुनने पर, अगर यात्री अपने 1 से 5 साल के बच्चों के लिए बर्थ चाहते हैं तो उन्हें पूरा किराया देना होता है।
13 साल के बच्चों के लिए कोई रियायत नहीं
13 साल की उम्र के बच्चों के लिए कोई हाफ टिकट की सुविधा नहीं है। इस उम्र के बच्चों को ट्रेन टिकट का पूरा किराया देना होता है और उन्हें अपनी सीट मिलती है। अगर किसी ने उम्र छुपाकर गलत तरीके से हाफ टिकट लिया तो जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
टिकट बुकिंग में दस्तावेजों की आवश्यकता
भारतीय रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि बच्चों के लिए टिकट बुकिंग के समय जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, जैसे कि जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड। यह सुनिश्चित करता है कि टिकटिंग प्रक्रिया में कोई अनियमितता न हो और सही यात्री को ही छूट का लाभ मिले।