School Education Rules: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के 1555 निजी स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की बाधा न आए. इसके लिए 33.545 करोड़ रुपये की प्रतिपूर्ति राशि जारी की है. यह राशि सत्र 2017 से 2022 तक कक्षा दूसरी से आठवीं तक के छात्रों की फीस के लिए दी गई है. इस फैसले से उन निजी स्कूलों को राहत मिलेगी जो 134ए के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रहे हैं.
प्राइवेट स्कूल संघ ने किया सरकार के फैसले का स्वागत
प्राइवेट स्कूल संघ हरियाणा ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. संघ के अध्यक्ष सत्यवान कुंडू, पैटर्न तेलूराम रामायणवाला, प्रांतीय महासचिव पवन राणा और रणधीर पूनिया ने कहा कि सरकार द्वारा जारी की गई यह राशि सराहनीय कदम है. हालांकि उन्होंने नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए भी जल्द राशि जारी करने की मांग की है.
नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की फीस का इंतजार
संघ के अनुसार, राज्य के कई निजी स्कूल 2015-16 से लेकर अब तक 134ए के तहत नौंवी से बारहवीं कक्षा के छात्रों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं. लेकिन सरकार ने अब तक इन कक्षाओं के लिए प्रतिपूर्ति राशि निर्धारित नहीं की है. इसलिए संघ ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस मामले में उचित निर्णय लिया जाए.
नौ वर्षों की प्रतिपूर्ति के लिए पोर्टल खोलने की मांग
संघ ने सरकार से अनुरोध किया है कि नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की फीस प्रतिपूर्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए. इससे नौ वर्षों की बकाया राशि निजी स्कूलों को मिल सकेगी और वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो सकेंगे.
चिराग योजना और आरटीई का पैसा देने की भी मांग
संघ के नेताओं ने सरकार से यह भी अनुरोध किया है कि चिराग योजना और आरटीई (शिक्षा का अधिकार) अधिनियम के तहत भी स्कूलों को बकाया राशि जल्द जारी की जाए. इससे गरीब बच्चों को शिक्षा देने वाले निजी स्कूलों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा.