Namaste Yojana: देश में वर्षों से सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली दुर्घटनाएं गंभीर चिंता का विषय रही हैं. अक्सर इन हादसों में सफाई कर्मचारियों की जान चली जाती है या वे गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. इसी गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने ‘नमस्ते योजना’ (National Action for Mechanized Sanitation Ecosystem – NAMASTE) की शुरुआत की है. इस योजना का उद्देश्य सीवर सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें सामाजिक व आर्थिक मदद पहुंचाना है.
क्या है नमस्ते योजना ?
नमस्ते योजना एक केंद्र सरकार की प्रमुख योजना है, जो खास तौर पर मैकेनाइज्ड सैनिटेशन इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई है. इसके अंतर्गत मैनहोल और सेप्टिक टैंक की सफाई करने वाले कर्मचारियों को रजिस्ट्रेशन के आधार पर स्वास्थ्य बीमा और आर्थिक सहायता दी जाती है. योजना का लक्ष्य है कि सफाई कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना की स्थिति में श्रमिक को समय पर इलाज और उसके परिवार को आर्थिक सहायता मिल सके.
योजना के तहत रजिस्ट्रेशन है जरूरी
नमस्ते योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले सफाई कर्मचारियों को नगर निगम में पंजीकरण करवाना अनिवार्य है. रजिस्ट्रेशन के दौरान कर्मचारी का पूरा विवरण, काम की प्रकृति और परिवार की जानकारी दर्ज की जाती है. रजिस्ट्रेशन के बाद कर्मचारियों को एक विशेष पहचान पत्र (ID) जारी किया जाएगा, जिसके आधार पर योजना से जुड़ी सुविधाएं मिल सकेंगी.
दुर्घटना की स्थिति में मिलेगा इलाज और आर्थिक मदद
इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यदि सफाई कर्मचारी सफाई कार्य के दौरान घायल हो जाता है या गैस के प्रभाव में आकर बेहोश हो जाता है तो उसे तत्काल अस्पताल में इलाज की सुविधा मिलेगी. यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिजनों को तय आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी, ताकि वे जीवन निर्वाह कर सकें.
योजना का उद्देश्य और महत्व
- सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई में लगे कर्मियों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना
- मैकेनाइज्ड सफाई को बढ़ावा देना, ताकि मैनुअल स्केवेंजिंग (Manual Scavenging) की प्रथा को खत्म किया जा सके
- कर्मचारियों और उनके परिजनों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना
- स्वच्छता कार्य को सम्मानजनक और सुरक्षित बनाना
स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ती है योजना
नमस्ते योजना को सीधे तौर पर स्वच्छ भारत मिशन से जोड़कर देखा जा रहा है. इस योजना का मकसद है कि सफाई कर्मचारी सिर्फ मशीनों की मदद से कार्य करें और किसी भी स्थिति में उन्हें सीवर में उतरने की नौबत न आए. यही कारण है कि सरकार द्वारा नगर निकायों को आधुनिक सफाई उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं.
फील्ड स्तर पर कैसे हो रहा संचालन ?
फरीदाबाद जैसे शहरों में जहां जनसंख्या और शहरीकरण तेजी से बढ़ा है, वहां इस योजना का लागू होना एक बड़ा राहतभरा कदम है. नगर निगम द्वारा सफाई कर्मचारियों की सूची बनाई जा रही है और उनके दस्तावेजों की जांच के बाद रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. इसके बाद ID कार्ड जारी होंगे, जिनमें कर्मचारी का नाम, फोटो, कार्य स्थल, और योजना से जुड़े लाभों का उल्लेख होगा.
आगे की योजना और सुधार की संभावनाएं
सरकार ने इस योजना के अंतर्गत कर्मियों को बीमा कवर, स्वास्थ्य लाभ, और ट्रेनिंग जैसी कई सुविधाएं देने की योजना बनाई है. इसके अलावा विभिन्न निकायों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मैकेनाइज्ड सफाई के उपकरण जैसे सिवर जेटिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर आदि का प्रयोग सुनिश्चित करें.
सामाजिक न्याय की दिशा में सार्थक पहल
नमस्ते योजना सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है. यह योजना उन गुमनाम नायकों के लिए है जो दिन-रात शहरों को साफ रखने में लगे रहते हैं. उनकी सुरक्षा और सम्मान के लिए यह योजना एक मजबूत कवच बनकर उभरेगी. यदि इसका सही तरीके से संचालन हुआ तो निश्चित रूप से इससे सफाई कर्मचारियों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा.