Collector Rates Hike: चार साल बाद यूटी प्रशासन ने कलेक्टर रेट में बड़े पैमाने पर संशोधन किया है, जिससे शहर और गांवों में संपत्ति की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि के दाम तीन से चार गुना बढ़ गए हैं. इस निर्णय को 2021 और 2017 में पूर्व में किए गए संशोधनों के बाद लागू किया गया है.
नई कीमतों का असर और क्रियान्वयन
नवीनतम कलेक्टर रेट 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगे, जिससे प्रॉपर्टी बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा. औद्योगिक क्षेत्रों में भी दरों में इजाफा हुआ है, जैसे कि इंडस्ट्रियल एरिया फेज 1 और 2 में रेटों में 32.7% की बढ़ोतरी हुई है.
विभिन्न क्षेत्रों में रेट में बढ़ोतरी
कोल डिपो, चक्की साइट, आयरन मार्केट और ट्रांसपोर्ट एरिया में कलेक्टर रेट में भी बढ़ोतरी हुई है. सेक्टर 17 के व्यावसायिक क्षेत्रों में भी रेट में उच्च वृद्धि देखने को मिली है.
जनता की राय और सुझावों की महत्वता
प्रशासन ने इन नई दरों पर जनता से राय मांगी है, जिस पर 20 मार्च तक विचार किया जाएगा. यह प्रक्रिया नागरिकों को सीधे तौर पर प्रभावित करेगी और उनके सुझावों को महत्व दिया जा रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ोतरी
ग्रामीण क्षेत्रों में कलेक्टर रेट में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है जिससे वहां की भूमि की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है. इस बढ़ोतरी का असर न केवल कृषि भूमि पर पड़ा है बल्कि व्यावसायिक और आवासीय भूमि पर भी पड़ा है.