Cow Farming: गुजरात के अमरेली जिले में, खेती के साथ-साथ पशुपालन को अपनाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. खासकर गिर गायों की मांग में बढ़ोतरी हुई है. इस नस्ल की गायें न केवल अधिक दूध देती हैं बल्कि उनके दूध से बनने वाले उत्पादों से भी अच्छी कमाई होती है, जिससे यह नस्ल किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय हो रही है.
पशुपालकों की बढ़ती आमदनी
दामनगर के युवा पशुपालक प्रदीपभाई परमार जैसे कई किसान गिर गाय पालकर लाखों कमा रहे हैं. प्रदीपभाई के पास 1.50 लाख रुपये मूल्य की एक गिर गाय है, जो रोजाना 16 लीटर दूध देती है. इस दूध को वे उच्च मूल्य पर बाजार में बेचते हैं, और साथ ही घी व अन्य डेयरी उत्पाद बनाकर भी अच्छी खासी आमदनी करते हैं.
गिर गाय की विशेषताएँ
गिर गाय जिसे उसकी शारीरिक बनावट और दुग्ध उत्पादन क्षमता के लिए जाना जाता है आकार में काफी बड़ी होती है. यह गाय 6 साल की उम्र में 8 फुट लंबी और 4 फुट 5 इंच ऊंची होती है. इसके कान लंबे और झुके हुए होते हैं, जो इसे विशेष रूप से पहचानने में मदद करते हैं.
नस्ल सुधार और प्रजनन
प्रदीपभाई की गिर गाय ने हाल ही में एक बछड़ी को जन्म दिया है और वर्तमान में गर्भवती है, जिससे इस नस्ल की गुणवत्ता और विस्तार में मदद मिल रही है. गिर नस्ल को उसकी उच्च गुणवत्ता और बेहतर प्रजनन क्षमता के लिए सराहा जाता है, जो पशुपालकों के लिए निवेश पर उच्च रिटर्न सुनिश्चित करता है.
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
भारतीय संस्कृति में गाय का विशेष महत्व है और वैज्ञानिक शोध भी इसके दूध में सोने के अंश होने की बात कहते हैं. इसके अलावा, गिर गाय के दूध में उपस्थित विशेष गुण इसे स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं, जिससे इसकी मांग और भी बढ़ जाती है.
युवा पशुपालकों की बढ़ती रुचि
पशुपालन में बढ़ती इस रुचि के चलते, अनेक युवा इस क्षेत्र में आ रहे हैं और उच्च आय अर्जित कर रहे हैं. गिर गायों की बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दिया है, जिससे न केवल पशुपालन को बढ़ावा मिल रहा है बल्कि यह युवाओं के लिए भी आकर्षक करियर विकल्प बनता जा रहा है.