Education Department Action बरनाला ज़िले में, ज़िला प्रोग्राम अधिकारी कुलविंदर सिंह रंधावा के नेतृत्व में स्कूल बसों की जांच का कार्य संपन्न हुआ. यह जांच पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों और डिप्टी कमिश्नर बरनाला, श्री टी. बेनिथ आई.ए.एस. के निर्देशानुसार की गई. इस दौरान, सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल, सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल, एस.बी.एस. पब्लिक स्कूल, कोठे सुरजीतपुरा सहित कई स्कूलों के वाहनों की जांच की गई और सात स्कूल बसों के चालान किए गए.
नीति के मुख्य तत्व और उनका महत्व
ज़िला प्रोग्राम अधिकारी ने बताया कि सुरक्षित स्कूल वाहन नीति में कई महत्वपूर्ण नियम शामिल हैं जैसे कि सीसीटीवी कैमरा, खिड़कियों पर लोहे की ग्रिल, प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स, महिला कंडक्टर, अग्निशमन यंत्र, और लाइसेंस होना जरूरी है. इन उपकरणों का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है जिससे उनके माता-पिता को भी विश्वास रहे कि उनके बच्चे सुरक्षित हैं.
जांच प्रक्रिया शुरू
ज़िला बाल सुरक्षा अधिकारी गुरजीत कौर ने सूचित किया कि यह जांच प्रक्रिया 1 अप्रैल से निरंतर जारी रहेगी. उन्होंने यह भी बताया कि कई स्कूलों के प्रिंसिपल निजी वाहनों के उपयोग का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारी से मुकरने की कोशिश करते हैं, लेकिन नीति के अनुसार, यह स्कूल प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि वे सभी वाहनों को नीति के अनुरूप बनाएं.
स्कूलों के खिलाफ सख्ती और उपाय
बाल सुरक्षा अधिकारी रूपिंदर सिंह रंधावा ने चेतावनी दी कि बार-बार जागरूकता के बावजूद जो स्कूल नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. ज़िला बाल सुरक्षा यूनिट और ज़िला परिवहन विभाग की संयुक्त टीम इस कार्य में लगी हुई है और समय-समय पर इसकी समीक्षा की जाती है.
इस प्रकार, बरनाला ज़िले में स्कूल वाहनों की सुरक्षा जांच न केवल एक कानूनी प्रक्रिया है बल्कि यह बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उपाय भी है. इससे स्कूल प्रबंधन को भी स्पष्ट संदेश मिलता है कि वे बच्चों की सुरक्षा में कोई कोताही न बरतें और सभी आवश्यक उपाय करें.