Disability Pension Scheme: हरियाणा राज्य सरकार ने एक नई पहल की घोषणा की है, जिसके अंतर्गत 21 तरह के दिव्यांग जनों को पेंशन दी जाएगी. इस पेंशन योजना में थैलेसीमिया, हीमोफीलिया और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीज शामिल हैं, जिन्हें मासिक 3 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. यह सहायता केवल उन्हीं दिव्यांग व्यक्तियों को मिलेगी जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय तीन लाख रुपये तक है.
पात्रता मापदंड और पेंशन की योग्यता
इस पेंशन योजना का लाभ उठाने के लिए व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. योजना के तहत पेंशन के लिए पात्र होने के लिए व्यक्ति का हरियाणा में मूल निवासी (Resident of Haryana) होना आवश्यक है और उसे कम से कम तीन साल से राज्य में निवास कर रहा होना चाहिए. प्रदेश में 60% दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को पेंशन का प्रावधान है, जो उन्हें सामाजिक और आर्थिक सहारा प्रदान करता है.
दिव्यांगता की विभिन्न श्रेणियां
पेंशन योजना में शामिल दिव्यांगता की श्रेणियां विस्तृत हैं, जिसमें लोकोमोटर विकलांगता, कुष्ठ रोगी, सेरेब्रल पाल्सी, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, अंधापन, कम दृष्टि, सुनने की अक्षमता, भाषा विकलांगता, बौद्धिक विकलांगता, विशिष्ट सीखने की विकलांगता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, मानसिक बीमारी, क्रोनिक न्यूरोलॉजिकल स्थितियां, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस रोग, स्किल सेल रोग, शारीरिक अपंगता, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, एसिड अटैक पीड़ित, और बौनापन शामिल हैं. इन सभी श्रेणियों के रोगियों को यह पेंशन सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और वे अपनी दैनिक जीवनचर्या में आसानी से सामंजस्य बिठा सकें.
सामाजिक और आर्थिक सहायता का महत्व
इस पेंशन योजना के माध्यम से हरियाणा सरकार ने दिव्यांग जनों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान की है बल्कि उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान देने की दिशा में भी एक कदम बढ़ाया है. इससे दिव्यांग जन अधिक स्वावलंबी और सक्षम हो सकेंगे, और उन्हें उनके जीवन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी.