School Holiday Extended: पटना में इस समय ठंड का कहर जारी है. उत्तर भारत में ठंड के मौसम के चलते कई राज्यों में सर्दी से लोग परेशान हैं. पटना में भी अत्यधिक ठंड और बर्फीली हवाओं का असर देखा जा रहा है. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पटना के जिला अधिकारी (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने एक अहम कदम उठाते हुए स्कूलों की छुट्टी बढ़ाने का आदेश जारी किया है. उन्होंने 15 जनवरी तक कक्षा 1 से आठवीं तक के स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया है.
पटना डीएम ने क्यों लिया यह फैसला?
पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने यह फैसला तब लिया जब उन्होंने देखा कि ठंड की वजह से बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. अत्यधिक सर्दी और कम तापमान की स्थिति को देखते हुए यह कदम उठाया गया. डीएम ने कहा कि अगर बच्चों को इस मौसम में स्कूल भेजा जाता है तो यह उनके स्वास्थ्य और जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है. इस आदेश का मुख्य उद्देश्य बच्चों को ठंड से बचाना और उनकी सेहत को सुरक्षित रखना है.
पहले भी छुट्टी थी, अब और बढ़ी
इसके पहले 11 जनवरी तक कक्षा 1 से आठवीं तक के स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया था. लेकिन ठंड में कमी न आने के कारण रविवार 12 जनवरी को पटना डीएम ने एक नया आदेश जारी किया। जिसमें 13 से 15 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का निर्देश दिया गया है. इस फैसले के बाद अब बच्चों को अगले कुछ दिनों तक राहत मिलेगी. हालांकि आठवीं कक्षा से ऊपर की कक्षाओं के लिए शैक्षणिक गतिविधियां पूर्वाह्न 9 बजे से अपराह्न 3.30 बजे तक जारी रहेंगी.
कक्षा 8 से ऊपर के छात्रों के लिए राहत की बात
पटना के डीएम ने स्पष्ट किया कि आठवीं कक्षा से ऊपर की कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियों को इस आदेश से छूट दी गई है. यानी इन कक्षाओं के लिए पठन-पाठन और बोर्ड परीक्षा से संबंधित गतिविधियों को जारी रखा जा सकता है. यह कदम उन छात्रों के लिए राहत का कारण है, जो आगामी बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं और जिनके लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है.
क्या कहता है नया आदेश?
पटना डीएम द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार 13 से 15 जनवरी तक कक्षा 1 से आठवीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद किया जाएगा. डीएम के निर्देश में यह भी कहा गया है कि ठंड के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है. इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया गया है कि बोर्ड परीक्षा से संबंधित शैक्षणिक गतिविधियां इस आदेश से मुक्त रहेंगी.
ठंड से बचाव के उपायों पर भी ध्यान देना होगा
ठंड का मौसम बच्चों के लिए खासतौर पर खतरनाक हो सकता है. अत्यधिक ठंड, सर्द हवाओं और बर्फीली बारिश से बचाव के उपायों पर भी ध्यान देना जरूरी है. डीएम ने बच्चों और उनके माता-पिता को सलाह दी है कि वे घर पर ही सुरक्षित रहें और ठंड से बचने के लिए जरूरी कदम उठाएं. बच्चों को गर्म कपड़े पहनने, हेलमेट और दस्ताने पहनने के साथ-साथ गर्म पानी पीने की सलाह दी गई है.
इस कदम से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को रोकने की कोशिश
पटना के डीएम के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि बच्चों की सेहत की प्राथमिकता अधिक है. हालांकि स्कूलों में पढ़ाई की प्रक्रिया को जारी रखना जरूरी है. लेकिन जब बच्चों की सेहत पर खतरा हो, तो इस तरह के फैसले लेने की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखा गया है कि आठवीं कक्षा से ऊपर के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा से संबंधित गतिविधियां जारी रहें. ताकि उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट न हो.
सर्दी की स्थिति पर नजर रखेगा प्रशासन
पटना में ठंड की स्थिति के बारे में प्रशासन लगातार निगरानी रखेगा और अगर ठंड में और वृद्धि होती है तो छुट्टियां बढ़ाने का निर्णय लिया जा सकता है. हालांकि यदि 16 जनवरी तक ठंड में कोई खास बदलाव नहीं आता है, तो पठन-पाठन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. इस समय तक प्रशासन बच्चों की सेहत की निगरानी करते हुए हर कदम उठाएगा ताकि कोई भी बच्चा सर्दी की चपेट में आकर बीमार न हो.
पटना में ठंड के कारण विद्यालयों की बंदी का असर
पटना में इस आदेश से बच्चों को राहत तो मिली है. लेकिन साथ ही उनके माता-पिता को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इस ठंड के मौसम में स्कूल बंद होने से बच्चों के लिए कहीं न कहीं घर पर समय बिताना मुश्किल हो सकता है. माता-पिता को बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी पढ़ाई पर भी ध्यान देना होगा. कई बच्चों को घर पर पढ़ाई की आदत नहीं होती और इस तरह की छुट्टियों के कारण उनकी पढ़ाई में कुछ बाधाएं आ सकती हैं.
16 जनवरी से विद्यालय खुलने की उम्मीद
फिलहाल 15 जनवरी तक स्कूलों की छुट्टी है और 16 जनवरी से स्कूलों में पठन-पाठन की प्रक्रिया फिर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि मौसम की स्थिति के अनुसार इसमें बदलाव हो सकता है. प्रशासन इस मामले पर बारीकी से नजर रखेगा और जरूरी कदम उठाएगा ताकि बच्चों की सेहत को कोई नुकसान न पहुंचे.