Gold Loan Tips: गोल्ड लोन यानी सोने के बदले मिलने वाला कर्ज, आज भारत में बहुत तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। इसका प्रमुख कारण यह है कि यह लोन जल्दी मिलता है, कागज़ी कार्यवाही कम होती है और इसके लिए किसी खास क्रेडिट स्कोर की जरूरत नहीं होती। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का गोल्ड लोन मार्केट 2027 तक 25% की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ते हुए 15 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू सकता है।
गोल्ड लोन डिफॉल्ट क्या होता है ?
जब कोई व्यक्ति बैंक या NBFC (Non-Banking Financial Company) से सोने के बदले लोन लेता है और तय समयसीमा में उसकी EMI या मूलधन राशि वापस नहीं करता, तो वह डिफॉल्ट की श्रेणी में आ जाता है, इस स्थिति में न केवल बैंक उसके सोने के गहनों को जब्त कर नीलाम कर सकता है, बल्कि इससे उसका क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) भी प्रभावित होता है।
गोल्ड लोन डिफॉल्ट के नुकसान
गोल्ड लोन डिफॉल्ट सिर्फ गहने खोने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई अन्य गंभीर परिणाम भी होते हैं
- गहनों की जब्ती: आपकी जमा की गई संपत्ति (गहने) बैंक नीलाम कर सकता है।
- क्रेडिट स्कोर में गिरावट: यह आपके भविष्य के लोन आवेदन में बाधा बन सकता है।
- कानूनी कार्रवाई का खतरा: लगातार डिफॉल्ट करने पर बैंक न्यायिक कार्रवाई भी कर सकता है।
- आर्थिक और मानसिक तनाव: जब बैंक की तरफ से नोटिस और रिकवरी की कार्रवाई शुरू होती है, तो यह पूरे परिवार के लिए तनाव का कारण बन सकता है।
गोल्ड लोन डिफॉल्ट से कैसे बचें ?
1️⃣ लोन की शर्तों को ध्यान से पढ़ें
गोल्ड लोन लेने से पहले संबंधित बैंक या NBFC द्वारा दिए गए टर्म्स एंड कंडीशंस को ध्यान से पढ़ना चाहिए।
- ब्याज दर
- लोन अवधि
- प्रोसेसिंग फीस
- लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियो
- EMI कैलेंडर
इन सभी बातों को समझकर ही निर्णय लें। उदाहरण के लिए अधिकांश संस्थाएं सोने के कुल मूल्य का 75% तक ही लोन देती हैं।
2️⃣ EMI भुगतान का ठोस प्लान बनाएं
लोन लेने से पहले ही EMI की पूरी प्लानिंग कर लें।
- अपनी मासिक आय और खर्चों का विश्लेषण करें
- EMI आपकी इनकम का 30-40% से अधिक न हो
- सैलरी मिलने के बाद तुरंत EMI ऑटो-डेबिट करवा लें
इससे आप भुगतान की चूक से बच सकते हैं।
3️⃣ सोने के दाम पर रखें नजर
सोने के बाजार भाव में उतार-चढ़ाव का सीधा असर आपके गोल्ड लोन पर पड़ता है।
अगर सोने की कीमत में भारी गिरावट आती है, तो आपकी LTV Ratio बढ़ जाती है, जिससे बैंक आपसे अतिरिक्त सिक्योरिटी या रकम की मांग कर सकता है।
इसलिए लोन लेने के बाद भी बाज़ार में सोने के दामों पर नज़र रखना ज़रूरी है।
4️⃣ परेशानी आने पर तुरंत बैंक से संपर्क करें
अगर किसी कारणवश आप समय पर EMI नहीं चुका पा रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज करने की बजाय बैंक से तत्काल संपर्क करें।
- बैंक से ग्रेस पीरियड मांगें
- EMI की राशि घटवाने की बात करें
- लोन की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करें
बैंकों को भी अपने ग्राहक की स्थिति समझ में आती है और वे कई बार सहूलियत देने को तैयार हो जाते हैं।
5️⃣ शॉर्ट टर्म लोन लें
गोल्ड लोन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह एक शॉर्ट टर्म लोन होता है।
अक्सर यह 6 महीने से 1 साल की अवधि के लिए होता है। इससे अधिक समय तक गोल्ड लोन बनाए रखना सही नहीं माना जाता। कोशिश करें कि इसे जल्द से जल्द चुका दें।
गोल्ड लोन लेने से पहले इन बातों पर जरूर ध्यान दें
ब्याज दर: गोल्ड लोन की ब्याज दर 8% से लेकर 18% तक हो सकती है
प्रोसेसिंग फीस: कुछ बैंक 0.25% से 1% तक चार्ज करते हैं
प्रीपेमेंट पेनल्टी: समय से पहले लोन चुकाने पर जुर्माना लग सकता है
सिक्योरिटी: गहनों की वैल्यू का सही मूल्यांकन ज़रूरी है
समझदारी से उठाएं गोल्ड लोन का फायदा
गोल्ड लोन एक तत्काल और आसान आर्थिक समाधान है, खासकर तब जब आपके पास सोना मौजूद हो और फंड की तत्काल जरूरत हो। लेकिन अगर प्लानिंग के बिना लिया जाए तो यह राहत के बजाय परेशानी बन सकता है।