Electricity Rate Hike: हरियाणा में बिजली दरों में मामूली बढ़ोतरी की जा रही है जो नए वित्तीय वर्ष से प्रभावी होगी. उत्तर और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने 4520 करोड़ रुपये के घाटे को कम करने के लिए हरियाणा बिजली विनियामक आयोग से बिजली शुल्क में इस बढ़ोतरी की अनुमति मांगी है. यह बढ़ोतरी बिजली निगमों के स्थिर वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए जरूरी बताई जा रही है.
बिजली शुल्क में बढ़ोतरी
अंतिम बार दो वर्ष पहले बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई थी जब 150 यूनिट तक के उपभोग पर प्रति यूनिट 25 पैसे की वृद्धि की गई थी. इस बार, सूत्रों के अनुसार, बिजली निगमों को मामूली बढ़ोतरी की अनुमति मिल सकती है, जिससे उपभोक्ताओं पर थोड़ा वित्तीय बोझ बढ़ेगा. यह बढ़ोतरी पहली अप्रैल से लागू होने की संभावना है.
एफएसए के कारण बिजली दरों में बढ़ोतरी
फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को एक और वर्ष के लिए बढ़ाने के फैसले से भी बिजली दरों में वृद्धि होगी. उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 47 पैसे का अतिरिक्त शुल्क देना पड़ेगा, जो 200 यूनिट से अधिक खपत पर 94.47 रुपये अतिरिक्त भुगतान करने पर आधारित है.
वित्तीय बोझ और उपभोक्ता प्रतिक्रिया
इस बढ़ोतरी से हरियाणा के उपभोक्ताओं में चिंता की लहर है. कई उपभोक्ता इसे अपने वित्तीय बजट पर अतिरिक्त बोझ के रूप में देख रहे हैं. बिजली निगमों की ओर से यह तर्क दिया जा रहा है कि बढ़ती हुई लागत और घाटे की भरपाई के लिए यह वृद्धि अनिवार्य है.
भविष्य के लिए संभावनाएँ और नीतियाँ
बिजली वितरण निगमों द्वारा कार्यकुशलता में सुधार और वित्तीय स्थिरता की दिशा में कदम उठाया जा रहा है. HERC ने ऑपरेशनल दक्षता बढ़ाने के लिए निर्देश दिए हैं, जिससे भविष्य में इस तरह की वृद्धि से बचा जा सके और उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक राहत प्रदान की जा सके.
इस बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ेगा, लेकिन सरकार और बिजली निगमों का यह कहना है कि दीर्घकालिक स्थिरता और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह जरूरी है.