कर्मचारियों को छुट्टी लेने से 7 दिन पहले देनी होगी सूचना, जारी हुआ नया नियम Government Employees

Shivam Sharma
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Government Employees: बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब किसी भी राज्यकर्मी को छुट्टी लेने या मुख्यालय छोड़ने से कम से कम 7 दिन पहले आवेदन देना अनिवार्य होगा. यह नियम सभी विभागों, प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों पर लागू किया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी इस आदेश का पालन हर स्तर पर अनिवार्य होगा.

6 लाख सरकारी कर्मचारियों पर होगा असर

नए नियम से बिहार के लगभग 6 लाख सरकारी कर्मचारियों पर प्रभाव पड़ेगा. सरकार के अनुसार, पहले कर्मचारियों द्वारा छुट्टी के आवेदन देरी से देने के कारण प्रशासनिक कार्य प्रभावित होते थे. इस समस्या को दूर करने के लिए यह नया नियम लागू किया गया है, ताकि छुट्टियों की स्वीकृति समय पर दी जा सके.

छुट्टी स्वीकृति में देरी से होता था प्रशासनिक कार्यों पर असर

राज्य सरकार के अनुसार अक्सर सरकारी कर्मचारी छुट्टी के 2-3 दिन पहले ही आवेदन देते थे. इससे प्रशासनिक कार्यों में देरी होती थी. क्योंकि उच्च अधिकारियों को छुट्टी स्वीकृत करने और मुख्यालय छोड़ने की अनुमति देने में कठिनाई होती थी. नए नियम से अब यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी.

अत्यंत विशेष परिस्थितियों में मिलेगी छूट

हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई कर्मचारी किसी “अत्यंत विशेष परिस्थिति” में छुट्टी लेना चाहता है, तो इस नियम में छूट दी जा सकती है. लेकिन इसके लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति आवश्यक होगी.

सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया निर्देश

बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया है. अवर सचिव सिद्धेश्वर चौधरी द्वारा जारी पत्र में सभी विभागों, विभागाध्यक्षों, प्रमंडलीय आयुक्तों और जिला पदाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि छुट्टी या मुख्यालय छोड़ने की अनुमति के लिए आवेदन कम से कम 7 दिन पहले जमा कराया जाए.

छुट्टी प्रक्रिया को बेहतर बनाने का प्रयास

इस आदेश का उद्देश्य राज्य में सरकारी सेवाओं को और अधिक सुचारू बनाना है. जब कर्मचारी समय पर छुट्टी के लिए आवेदन करेंगे, तो प्रशासन को इसे स्वीकृत करने में आसानी होगी और कार्यों में किसी प्रकार की रुकावट नहीं आएगी.

कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया

सरकारी कर्मचारी संगठनों ने इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है. कुछ कर्मचारी इसे प्रशासनिक सुधार के रूप में देख रहे हैं. जबकि कुछ का कहना है कि अचानक आने वाली व्यक्तिगत या पारिवारिक समस्याओं में 7 दिन पहले आवेदन करना मुश्किल होगा.

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