Work Days New Rule: जहां भारत में 70 से 90 घंटे काम करने की वकालत की जा रही है. वहीं ब्रिटेन की 200 कंपनियों ने एक नई नीति लागू की है. जिसके तहत कर्मचारियों को केवल चार दिन काम करना होगा और तीन दिन की छुट्टी मिलेगी. इस फैसले से 5,000 से अधिक कर्मचारियों को लाभ मिलेगा, जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जैसे मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी और चैरिटी.
वर्क-लाइफ बैलेंस में होगा सुधार
इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों की कार्य संतुष्टि को बढ़ाना और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है. कंपनियों का मानना है कि यह पुरानी कार्य संस्कृति को बदलने और आधुनिक समय के अनुसार कार्य शेड्यूल को बेहतर बनाने का एक तरीका है. चार दिन के कार्य सप्ताह से कर्मचारियों को अधिक समय मिलेगा. जिससे वे अपने व्यक्तिगत जीवन को संतुलित कर सकेंगे.
तनख्वाह में नहीं होगी कोई कटौती
सबसे बड़ी राहत यह है कि चार दिन काम करने के बावजूद कर्मचारियों की सैलरी में कोई कटौती नहीं होगी. कंपनियों का मानना है कि जब कर्मचारी खुश होंगे और बेहतर मानसिक स्थिति में होंगे, तो उनकी उत्पादकता भी बढ़ेगी. इससे न केवल कर्मचारियों को फायदा होगा. बल्कि कंपनियों को भी दीर्घकालिक लाभ मिलेगा.
नौकरी के नए दौर का संकेत
यह बदलाव पारंपरिक 9 से 5 के वर्क पैटर्न से हटकर एक नई कार्य संस्कृति की शुरुआत कर सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला भविष्य में वैश्विक स्तर पर कार्य संस्कृति को प्रभावित कर सकता है. कई शोध बताते हैं कि कम कार्य घंटों से कर्मचारियों की उत्पादकता और रचनात्मकता में वृद्धि होती है.
भारत में 70-90 घंटे काम की बहस को मिला जवाब
ब्रिटेन की इन कंपनियों के इस फैसले का असर वैश्विक स्तर पर भी देखा जा सकता है, खासकर तब जब भारत में कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों से 70 से 90 घंटे काम करने की उम्मीद कर रही हैं. इस कदम ने यह साबित किया है कि कम कार्य घंटों में भी बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं और वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखना जरूरी है.