ICCC Project: हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सात प्रमुख शहरों को चंडीगढ़ की तर्ज पर स्मार्ट और सुरक्षित बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. हिसार, सोनीपत, पंचकूला, अंबाला, रोहतक, पानीपत और यमुनानगर में एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (ICCC) प्रोजेक्ट के तहत चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य इन शहरों में नागरिकों को सुरक्षा और सुविधाओं की बेहतर निगरानी और प्रबंधन प्रदान करना है.
20 जनवरी को होगी महत्वपूर्ण बैठक
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 20 जनवरी 2025 को चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में इन सात शहरों के अधिकारियों और इंजीनियरों को चंडीगढ़ के ICCC सेंटर का दौरा कर परियोजना की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा. बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारी और इंजीनियर चंडीगढ़ मॉडल से सीखकर अपने-अपने शहरों में इस प्रोजेक्ट को लागू करने की तैयारी करें.
ICCC प्रोजेक्ट की मुख्य विशेषताएं
ICCC प्रोजेक्ट का उद्देश्य हरियाणा के शहरों को तकनीकी रूप से उन्नत और स्मार्ट बनाना है. इस प्रोजेक्ट के तहत नागरिकों को सुरक्षा, स्वास्थ्य, और यातायात जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में बेहतरी का अनुभव मिलेगा.
प्रोजेक्ट से मिलने वाले प्रमुख लाभ
- एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट: यातायात व्यवस्था को बेहतर और व्यवस्थित बनाएगा.
- नागरिक सुविधाओं की निगरानी: बिजली, पानी, और अन्य सुविधाओं पर बेहतर नियंत्रण.
- आपराधिक घटनाओं पर नियंत्रण: सीसीटीवी कैमरों के जरिए अपराधियों पर नजर रखना और तेजी से कार्रवाई करना.
- ई-चालान और ट्रैफिक नियमों का पालन: यातायात उल्लंघनों पर तुरंत चालान.
- स्वास्थ्य और पर्यावरण की निगरानी: जल और वायु की गुणवत्ता पर नजर.
- कचरा प्रबंधन: कचरा प्वाइंट और निस्तारण केंद्रों की निगरानी.
चंडीगढ़ मॉडल से सीखेंगे अधिकारी और इंजीनियर
शहरी निकाय विभाग के एक्सईएन गौरव आनंद और कंसल्टेंट राहुल के नेतृत्व में अधिकारियों को चंडीगढ़ के ICCC सेंटर का मुआयना कराया जाएगा. वहां उन्हें यह बताया जाएगा कि चंडीगढ़ में कमांड सेंटर कैसे पूरे शहर की निगरानी करता है और घटनाओं पर तेजी से कार्रवाई करता है. चंडीगढ़ का मॉडल हरियाणा के अन्य शहरों के लिए एक आदर्श बनेगा.
कैसे काम करेगा ICCC प्रोजेक्ट?
ICCC प्रोजेक्ट के तहत हरियाणा के इन सात शहरों में हजारों सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो सीधे एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर से जुड़े होंगे. यह कमांड सेंटर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक पर आधारित होगा. जिससे निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
- दुर्घटनाओं और आपराधिक घटनाओं का तत्काल अलर्ट.
- नागरिकों की समस्याओं और शिकायतों का तेजी से समाधान.
- शहर के ट्रैफिक को सुचारू रूप से चलाने की व्यवस्था.
- स्वास्थ्य और पर्यावरण के आंकड़ों की निगरानी.
शहरवासियों के लिए बनेगा एप
ICCC प्रोजेक्ट के तहत एक मोबाइल एप्लिकेशन भी बनाया जाएगा. इस एप के जरिए नागरिक अपनी समस्याओं को रिपोर्ट कर सकेंगे और सुझाव दे सकेंगे. यह एप नागरिकों और प्रशासन के बीच एक पुल का काम करेगा, जिससे पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा.
हरियाणा के लिए स्मार्ट शहरों की ओर बड़ा कदम
यह प्रोजेक्ट हरियाणा के सात शहरों को न केवल सुरक्षित बनाएगा. बल्कि इन्हें स्मार्ट सिटी का दर्जा भी देगा. इस प्रोजेक्ट के लागू होने के बाद शहरों में आपराधिक गतिविधियों में कमी आएगी. नागरिक सेवाएं बेहतर होंगी और प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता आएगी.
प्रोजेक्ट की चुनौतियां और समाधान
इस प्रोजेक्ट को लागू करने में कुछ चुनौतियां भी आ सकती हैं, जैसे:
- सीसीटीवी कैमरों की स्थापना में समय: पूरे शहर में कैमरे लगाने में समय और संसाधन लगेंगे.
- डाटा की सुरक्षा: इतने बड़े पैमाने पर एकत्र किए गए डाटा को सुरक्षित रखना एक बड़ी जिम्मेदारी होगी.
- प्रशिक्षण की आवश्यकता: अधिकारियों और कर्मचारियों को नई तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित करना होगा.
इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रशासन ने पहले से ही एक मजबूत योजना तैयार की है. जिसमें प्रशिक्षण, निगरानी और समयबद्ध कार्यान्वयन शामिल है.
ICCC प्रोजेक्ट से हरियाणा को क्या मिलेगा?
हरियाणा में ICCC प्रोजेक्ट के लागू होने से नागरिकों को कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी. शहरों में अपराध कम होंगे. ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी, और नागरिक सेवाएं अधिक प्रभावी बनेंगी. यह प्रोजेक्ट हरियाणा को देश के अन्य विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने का एक बड़ा कदम है.