Tree Farming: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है. जालौन जिले में वन विभाग द्वारा किसानों को तीन लाख चंदन और महोगनी के पौधे मुफ्त में वितरित करने की योजना बनाई गई है. यह कदम न केवल पर्यावरण को सुधारने में मदद करेगा. बल्कि किसानों को परंपरागत खेती से हटकर लाभकारी पौधों की खेती के लिए प्रेरित करेगा.
वन दिवस के मौके पर होगा पौधों का वितरण
इस योजना के तहत वन विभाग वन दिवस के अवसर पर इन पौधों का वितरण करेगा. चंदन और महोगनी के पौधों को जिले में ही तैयार किया जा रहा है. वन विभाग हर साल की तरह इस बार भी 38 लाख पौधे तैयार कर रहा है, जिसमें से तीन लाख पौधे विशेष रूप से चंदन और महोगनी के होंगे.
किसानों को मिलेगा आर्थिक लाभ
चंदन और महोगनी के पौधे किसानों के लिए एक बड़ी आर्थिक संभावना बन सकते हैं. वन विभाग के अनुसार 8 से 10 साल में एक चंदन या महोगनी के पेड़ की कीमत 8 से 10 हजार रुपये तक हो सकती है. यह पहल किसानों को उनकी परंपरागत खेती के साथ-साथ पौधरोपण के माध्यम से अतिरिक्त आय का साधन प्रदान करेगी.
पौधों की देखभाल सिखाने के लिए कार्यशालाएं
पौधों के सही इस्तेमाल और देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग कार्यशालाओं का आयोजन करेगा. इन कार्यशालाओं में किसानों को पौधों को लगाने की सही तकनीक, उनकी देखभाल और सुरक्षा के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वितरित किए गए पौधे सही तरीके से लगाए जाएं और उनका उपयोग बेकार न हो.
मुफ्त में मिलेंगे पौधे, कीमत होगी हजारों में
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चंदन और महोगनी के एक पौधे की कीमत 80 से 100 रुपये तक है. लेकिन किसानों को ये पौधे मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावा वन विभाग अपने नर्सरी और सुरक्षित वन क्षेत्र में भी इन पौधों को लगाएगा. इससे जिले की मिट्टी की गुणवत्ता को पहचाना जाएगा और पौधों की सफलता सुनिश्चित की जाएगी.
जालौन जिले में चंदन और महोगनी की नई पहचान
यह पहल जालौन जिले को एक नई पहचान देने में मदद करेगी. जल्द ही जिले में चंदन की महक और महोगनी के पेड़ों की छटा हर तरफ देखने को मिलेगी. यह न केवल जिले को एक विशेष पहचान देगा. बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा.
शहरी क्षेत्र में भी बढ़ाई जाएगी हरियाली
जंगलों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी हरियाली बढ़ाने के उद्देश्य से फलदार पौधे लगाए जाएंगे. हर निकाय में चार से पांच हजार फलदार पौधे लगाने की योजना बनाई गई है. इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी नागरिकों को दी जाएगी. अगर हर निकाय में एक हजार पौधों को संरक्षित किया गया, तो यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक बड़ी सफलता होगी.
किसानों को जागरूक करना है उद्देश्य
वन विभाग का उद्देश्य किसानों को पौधरोपण के महत्व और इससे होने वाले फायदों के प्रति जागरूक करना है. चंदन और महोगनी जैसे मूल्यवान पेड़ों की खेती किसानों के लिए एक दीर्घकालिक निवेश है. जो उन्हें आने वाले समय में आर्थिक स्थिरता प्रदान कर सकता है.
परंपरागत खेती के साथ नया अवसर
यह योजना किसानों को परंपरागत खेती के साथ-साथ नई संभावनाओं की ओर ले जाने का एक शानदार अवसर प्रदान करती है. किसान इन पौधों को अपने खेतों के किनारे लगाकर उनकी देखभाल कर सकते हैं और परंपरागत खेती के साथ-साथ अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं.
पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
चंदन और महोगनी के पौधों के रोपण से पर्यावरण संरक्षण में भी बड़ा योगदान मिलेगा. ये पेड़ न केवल हवा को शुद्ध करते हैं. बल्कि मिट्टी के कटाव को रोकने और जल संरक्षण में भी मददगार साबित होते हैं.
सरकार का उद्देश्य
सरकार की यह योजना पर्यावरण संरक्षण और किसानों की आर्थिक मजबूती का बेहतरीन उदाहरण है. यह पहल किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ प्रदेश में हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.